जबलपुर, उद्यान के रखरखाव व सौंदर्यीकरण के कार्य में लापरवाही बरतने पर उद्यान अधिकारी आदित्य शुक्ला को उद्यान अधिकारी के पद से हटा दिया गया है। - AWAM AUR KHABAR

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जबलपुर, उद्यान के रखरखाव व सौंदर्यीकरण के कार्य में लापरवाही बरतने पर उद्यान अधिकारी आदित्य शुक्ला को उद्यान अधिकारी के पद से हटा दिया गया है।

 

 महीनों से दबाए बैठे रहे अमृत योजना की फाइल, पद से हटाए गए उद्यान अधिकारी


Publish Date: | Tue, 01 Mar 2022  (IST)
Jabalpur Nagar Nigam : महीनों से दबाए बैठे रहे अमृत योजना की फाइल, पद से हटाए गए उद्यान अधिकारी
जबलपुर, उद्यान के रखरखाव व सौंदर्यीकरण के कार्य में लापरवाही बरतने पर उद्यान अधिकारी आदित्य शुक्ला को उद्यान अधिकारी के पद से हटा दिया गया है। उनकी जगह उपयंत्री सुरेंद्र मिश्रा को उद्यान विभाग की कमान सौंपी गई है।

निगमायुक्त आशीष वशिष्ठ द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि उद्यान विभाग की समीक्षा बैठक में सामने आया कि शहर में अमृत योजना के तहत उद्यानों का निर्माण व जीर्णोद्धार कराया जाना है। लेकिन अमृत योजना की फाइल उद्यान अधिकारी कई महीनों से अपने पास ही रखे रहे। कई बार निगमायुक्त के निर्देशों के बाद भी उक्त फाइल निगमायुक्त कार्यालय में प्रस्तुत नहीं की गई। निर्देशों की अवहेलना और विभागीय कार्य में लापरवाही बरते जाने पर आदित्य शुक्ला को उद्यान विभाग के अधिकारी पद से हटाया जाता है। वे अब पूर्व की तरह संभागीय कार्यालय 14 और 15 में कार्यपालन यंत्री का कार्य संपादित करेंगे। उनकी जगह उपयंत्री सुरेंद्र मिश्रा को उद्यान अधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। विदित हो कि उद्यान अधिकारी के खिलाफ पूर्व कार्य में लापरवाही बरने की पहले भी निगमायुक्त के पास शिकायत पहुंच चुकी हैं। जिसे गंभीरता से लेते हुए उन्होंने उन्हें पद से हटा दिया है।

अपर आयुक्त के मध्य बटे कार्य, नवागत अपर आयुक्त को मिली जिम्मेदारी : निगमायुक्त ने एक अन्य आदेश जारी कर अपर आयुक्तों के मध्य कार्य का विभाजन किया है। जिसमें अपर कलेक्टर व नगर निगम के नवागत अपर आयुक्त शेर सिंह मीणा को लोककर्म, प्रधानमंत्री आवास योजना, जल विभाग सहित सीवर योजना जैसे महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जबकि अपर आयुक्त वित्त को महेश कुमार कोरी को वित्त के अलावा स्वास्थ्य विभाग, कर्मशाला, सामान्य प्रशासन, उद्यान विभाग और एनयूएलएम विभाग का दायित्व सौंपा गया है। निगमायुक्त ने उक्त विभागों का कार्य संपादित करने के लिए अपर आयुक्तों को पांच लाख रुपये तक के प्रशासकीय, वित्तीय एवं भुगतान की स्वीकृति जारी करने आयुक्त के अधिकार भी दिए हैं।

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