जबलपुर में नहीं निकल सकेंगी वाहन-रैली, कलेक्टर ने लगाई धारा 144
जबलपुर, आगामी दिनों में अनेक त्यौहार हैं। इस दौरान कानून-व्यवस्था की स्थति बहाल रहे, साम्प्रदायमिक सौहार्द्र किसी प्रकार से प्रभावित न हो, इसके लिए जिला दंडाधिकारी एवं कलेक्टर डा. इलैयाराजा टी ने जिले में दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं। ये आदेश नागरिकों के मौलिक अधिकारों की सुरक्षा और अक्षय तृतीया, परशुराम जयंती, ईद-उल-फितर, बुद्ध पूर्णिमा, सोमवती अमावस्या जैसे तमाम त्यौहारों के मद्देनजर जारी किए हैं।
आदेश में स्पष्ट किया गया है कि किसी भी प्रकार के आयोजन सक्षम अधिकारी की पूर्व अनुमति प्राप्त किये बिना नहीं किए जा सकेंगे। प्रशासनिक अधिकारियों की अनुमति प्राप्त आयोजनों में ऐसे नारे या शब्दों का प्रयोग नहीं किया जा सकेगा, जिससे किसी की भी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचती हो। ऐसा पाए जाने की स्थिति में संबंधित व्यक्ति के साथ कार्यक्रम के आयोजकों को भी उत्तरदाई माना जाएगा, उनके विरुद्ध भी विधिसम्मत कार्यवाही की जाएगी। आदेश में सम्पूर्ण जिले में मोटर साइकिल रैली को भी पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है।
जिला दंडाधिकारी द्वारा जारी आदेश में फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्स अप एवं सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म पर आपत्तिजनक या उद्वेलित करने वाले फोटो, चित्र, मैसेज, आडियो एवं वीडियो को लाइक करने, कमेंट करने एवं फारवर्ड करने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। इसके लिए सोशल मीडिया के ग्रुपों पर विशेष निगाह रखी जाएगी। आदेश में घरेलू एवं व्यावसायिक नौकरों की सूचना सबंधित पुलिस थाने को विहित प्रारूप में देना अनिवार्य किया गया है। इसके साथ ही सबंधित पुलिस थाने को पेइंग गेस्ट रखने की पूर्व सूचना देना भी जरूरी किया गया है। आदेश में कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति द्वारा यदि किराएदार रखा जाता है, तो मकान मालिक को इसकी सूचना सबंधित पुलिस थाने में लिखित रूप में अनिवार्य रूप से देना होगी। होटल, लाज, धर्मशाला में रुकने वाले व्यक्तियों से पहचान-पत्र प्राप्त करने और विहित प्रारूप में इनकी सूचना प्रतिदिन सबंधित पुलिस थाने को देना भी अनिवार्यत: देने के निर्देश दिए गए हैं।
जिला दंडाधिकारी द्वारा जारी प्रतिबंधात्मक आदेश तत्काल प्रभाव से सम्पूर्ण जिले में लागू हो गया है। यह आगामी दो माह तक के लिए प्रभावी रहेगा। प्रतिबंधात्मक आदेश में कहा गया है कि इसका उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188, आपदा प्रबंधन अधिनियम और अन्य प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जाएगी।