मध्य प्रदेश हाईकाेर्ट का आदेश-दूसरे प्रदेशाें के युवा भी दे सकेंगे राज्य इंजीनियरिंग सर्विसेज की परीक्षा
एमपीपीएससी को वेबसाइट में संशोधन के निर्देश
जबलपुर, अब दूसरे राज्यों के उम्मीदवार भी मध्य प्रदेश में राज्य इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा दे सकेंगे। हाई कोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण आदेश में मध्य प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों के उम्मीदवारों को भी मध्य प्रदेश राज्य अभियांत्रिकी सेवा परीक्षा 2021 में शामिल करने के निर्देश दिए हैं। जस्टिस एसए धर्माधिकारी व जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने सभी संबंधितों को समान अवसर देने की व्यवस्था दी है। हाई कोर्ट ने एमपीपीएससी को निर्देश दिए कि अपनी वेबसाइट में आवश्यक संशोधन करें, ताकि बाहरी उम्मीदवार अपने फार्म भर सकें।आवश्यकता महसूस होने पर फार्म भरने के लिए नई तारीख घोषित कर सात दिनों का समय दिया जाए। उसके बाद परीक्षा की नई तारीख घोषित की जाए।
याचिकाकर्ता गौतम बुद्ध नगर, उत्तर प्रदेश निवासी शीलेन्द्र सिंह व आजमगढ़ जिला निवासी वैभव कुमार सिंह की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी गई कि एमपीपीएससी के जरिए आगामी 22 मई को मध्य प्रदेश राज्य अभियांत्रिकी सेवा, स्टेट इंजीनियरिंग सर्विसेज परीक्षा-2021 आयोजित की जा रही है। इसमें याचिकाकर्ता को योग्यता होने के बावजूद इसलिए शामिल नहीं किया गया, क्योंकि वे मध्य प्रदेश के मूलनिवासी नहीं हैं। एमपीपीएससी के इस नियम को असंवैधानिक बताते हुए अधिवक्ता संघी ने तर्क दिया कि संविधान के तहत प्रत्येक नागरिक को देश भर में कहीं भी अवसर की समानता का अधिकार दिया गया है।
हर नागरिक को भाषा, जन्मस्थान, धर्म, निवास का भेदभाव किए बिना रोजगार प्राप्त करने के अवसर पाने का समान अधिकार है। यह अधिकार इस बात पर निर्भर नहीं करता कि व्यक्ति देश में कहां रहता है। उन्होंने 22 मई को होने वाली उक्त परीक्षा स्थगित कर फिर से कराने और याचिकाकर्ताओं को भी इसमें शामिल करने का आग्रह किया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने आग्रह स्वीकार कर लिया। सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अशीष आनन्द बर्नार्ड उपस्थित हुए।