मणिपुर में जदयू विधायकों की टूट से खफा नीतीश कुमार बोले- 2024 में भाजपा को 50 सीटों पर समेट देना है - AWAM AUR KHABAR

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मणिपुर में जदयू विधायकों की टूट से खफा नीतीश कुमार बोले- 2024 में भाजपा को 50 सीटों पर समेट देना है

 

मणिपुर में जदयू विधायकों की टूट से खफा नीतीश कुमार बोले- 2024 में भाजपा को 50 सीटों पर समेट देना है


पटना: मणिपुर में जदयू विधायकों के टूटकर भाजपा में चले जाने से खफा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि यदि सभी विपक्षी दल मिल जाएं तो 2024 के आम चुनाव में भाजपा को 50 सीटों पर समेट देंगे। हाल में भाजपा से नाता तोड़कर महागठबंधन से हाथ मिलाने के बाद जब नीतीश कुमार के सहयोगी-समर्थक उन्हें पीएम पद का सुयोग्य प्रत्याशी बताने में लगे हुए हैं तब मणिपुर में जदयू के छह में से पांच विधायक भाजपा में शामिल होने की खबर आई। इसकी गूंज जदयू की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भरपूर सुनाई दी। 
पटना में शनिवार को हुई बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वयं कहा कि मैं विपक्षी दलों को एक करने के अभियान में लगा हूं। अगर सब मिलकर चुनाव लड़े तो यह संभव भी है। मुख्यमंत्री के संबोधन की इस लाइन को देर शाम जदयू ने अपने ट्विटर हैंडल पर भी जारी किया। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने अपने संबोधन के दौरान जब कहा कि 2024 में भाजपा 150 से अधिक सीटें नहीं ला पाएगी तो नीतीश कुमार ने उन्हें टोकते हुए कहा कि 150 सीटें तो अधिक बोले रहे हैं, 50 सीट पर ही समेट देना है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे के समय को लेकर कहा गया कि सतर्क रहने की जरूरत है। जदयू ने अपने सदस्यता अभियान के तहत 50 लाख सदस्य बनाए जाने का लक्ष्य तय किया। 

2024 का परिणाम बहुत अच्छा आएगा

राज्य कार्यकारिणी की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत के क्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष के सभी लोग एकजुट होकर लड़ेंगे तो 2024 का परिणाम बहुत अच्छा आएगा। देश की जनता का वह चुनाव होगा। मणिपुर में जदयू के विधायकों को भाजपा में शामिल कराए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया में मुख्यमंत्री ने कहा कि सोच लीजिए कैसा काम हो रहा। अन्य पार्टियों से लोगों को खींचकर अपनी तरफ लाना कोई संवैधानिक काम है क्या? 

जीतने वालों को अपनी तरफ खींचना सही है क्या?

मुख्यमंत्री ने कहा कि मणिपुर में जदयू के जितने भी विधायक जीते थे वे चुनाव परिणाम के अगले ही दिन उनसे मिलने आए थे। जब हमलोगों ने एनडीए से अलग होने का फैसला लिया तो उसमें भी उन लोगों ने प्रसन्नता व्यक्त की थी। दो दिन पहले ही मणिपुर के जदयू विधायकों ने फोन कर कहा था कि वे लोग राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होने आ रहे हैं। अब किसी पार्टी से जीतने वाले लोगों को अपनी तरफ खींचना, किस तरह का काम है? पहले इस प्रकार की चीज चलती रही है क्या? यह कोई संवैधानिक काम है क्या? हमलोग तो मणिपुर में गठबंधन में थे भाजपा के साथ। किसी को वहां कुछ बनाया क्या? बाद में सभी लोगों को अपनी ओर खींच लिया। खैर जो करता है सो करता है। उसमें क्या फर्क पड़ता है। किसको खत्म कर देंगे? अन्य पार्टी के जो लोग अन्य राज्यों में देखते हैं उन्हें अपनी तरफ कब्जा करना क्या यही काम है? मुख्यमंत्री से जब विपक्ष की एकजुटता के सिलसिले में  दिल्ली यात्रा के संबंध में पूछा गया ताे उन्होंने कहा कि कई लोगों से बात करने के लिए वह दिल्ली जाएंगे। उन्होंने दि्ल्ली यात्रा को लेकर कोई तारीख नहीं बताई।

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