नीतीश बोले- बीजेपी के साथ अब कभी नहीं होगा समझौता, आरसीपी सिंह को एकनाथ शिंदे बनाने की थी कोशिश
- चहेते उद्योगपतियों को सार्वजनिक उपक्रमों को बेच उन्हें लाभ पहुंचा रही केंद्र सरकार
- -जदयू के राष्ट्रीय परिषद में राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में रहे कई मसलों पर विमर्श
- -कारपोरेट टैक्स 30 प्रतिशत से घटाकर 18 करने पर सरकारी खजाने को तीन लाख करोड़ तक का नुकसान
जदयू की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में रविवार को देश के स्तर चर्चा में रहे कई मसलों पर विमर्श हुआ। शनिवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इन मसलों पर प्रस्ताव लिया गया था. जिनपर राष्ट्रीय परिषद ने अपनी मुहर लगाई। कहा गया कि केंद्र सरकार सार्वजनिक उपक्रमों को पूंजीपतियों के हाथों बेचकर अपने चहेते उद्योगपतियों को लाभ पहुंचा रही है। कंपिनयों की आमदनी बढ़ने के बावजूद उनके कारपोरेट टैक्स को 30 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया। इससे पिछले तीन सालों में सरकारी खजाने में तीन लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इतना ही नहीं पिछले पांच साल में सरकारी बैंकों ने 10 लाख करोड़ रुपए कर्ज की रकम को बट्टे खाते में डाल दिया।
अग्निवीर स्कीम को लेकर भी हुई चर्चा
अग्निवीर पर भी विमर्श हुआ। यह कहा गया कि मात्र चार वर्षों के लिए नौजवानों के भर्ती की योजना लागू की है। इस प्रकार का निर्णय देश की सुरक्षा से खिलवाड़ है। भारतीय सेना का यह कैसा आधुनिकीकरण किया जा रहा? ऐसे में उनसे सवाल पूछने वाले पढ़े लिखे नौजवानों को अर्बन नक्सली घोषित किया जाता है। इस प्रस्ताव पर भी मुहर लगी कि केंद्र की भाजपा सरकार आज लोकतंत्र में असहमति के अधिकार को भी देशद्रोह के रूप में देख रही है। विपक्ष की आवाज बंद करना चाहती है। इसके लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों को भी हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा।
महागठबंधन की सरकार बनने से बिहार में खुशी'
राजनीतिक प्रस्ताव के तहत इस पर बात पर जदयू राष्ट्रीय परिषद में सहमति बनी कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने से राज्य में चारो तरफ खुशी का माहौल है। महागठबंधन की सरकार समाज के सभी वर्गों के व्यापक हित में काम करने को संकल्पित है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विजन और मिशन की वजह से बिहार में विकास के जितने काम हुए हैं, उनकी प्रशंसा देश और दुनिया में हो रही है।