कांग्रेस में आजम खान के विरोधियों की मिल रही तरजीह, दी ये बड़ी जिम्मेदारी, उठने लगे सवाल
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) यूपी में आगामी लोकसभा चुनाव एक साथ लड़ रहे हैं. लेकिन इस चुनाव से पहले कांग्रेस के एक फैसले से सवाल उठने लगे हैं.
कांग्रेस ने आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर शुक्रवार को अपनी उत्तर प्रदेश ईकाई के लिए राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) और प्रदेश चुनाव समिति का गठन किया. लेकिन कांग्रेस की इस लिस्ट में एक चौंकाने वाला नाम है, जिसके बाद कहा जा रहा है कि समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आजम खान के विरोधियों को कांग्रेस अब यूपी में तरजीह दे रही है.
पार्टी के संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएसी और प्रदेश निर्वाचन समिति के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी. कांग्रेस के उत्तर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे को पीएसी का संयोजक बनाया गया है. समिति में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय राय और पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी, सलमान खुर्शीद, मोहसिना किदवई, निर्मल खत्री, राजीव शुक्ला तथा कई अन्य नेताओं को शामिल किया गया है.
बेगम नूर बानो को मिला मौका
अजय राय की अध्यक्षता में प्रदेश चुनाव समिति का गठन किया गया है. इस समिति में प्रमोद तिवारी, सलमान खुर्शीद, मोहसिना किदवई, आराधना मिश्रा और कई नेताओं को जगह दी गई है. इन सबके अलावा राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) में बेगम नूर बानो का नाम है. दरअसल, रामपुर में नवाब परिवार को हमेशा से सपा नेता आजम खान का विरोधी माना जाता रहा है. हालांकि अब आजम खान के साथ उनकी पत्नी और बेटे अब्दुल्ला के जेल जाने से आजम परिवार की राजनीति हासिए पर आ गई है.
लेकिन इस बीच कांग्रेस द्वारा नवाब परिवार की बेगम नूर बानो को पीएसी में सदस्य बनाए जाने के बाद सवाल उठ रहा है कि क्या गठबंधन के लिए रामपुर में आगे की सियासी जमीन को निखारने का काम नवाब परिवार के हाथों में होगा? बता दें कि आजम खान के साथ ही उनकी पत्नी और बेटे अब्दुल्ला को सजा होने की वजह से उनमें से कोई भी चुनाव नहीं लड़ सकता है.