सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद इलेक्टोरल बॉन्ड की डिटेल्स को चुनाव आयोग ने अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है. इसमें कई सारी अहम जानकारियां सामने आई हैं.
2019 लोकसभा चुनाव से चंद दिनों पहले बीजेपी को मिले थे 3941 करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड, नए डेटा में बड़ा खुलासा
इलेक्टोरल बॉन्ड की डिटेल्स सामने आने के बाद पता चला है कि बीजेपी को इस योजना के जरिए सबसे ज्यादा पैसा मिला है. चुनाव आयोग की तरफ से जारी किए गए नए डेटा के मुताबिक, बीजेपी ने मार्च 2018 से लेकर 22 मई, 2019 तक इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए 3,941.57 करोड़ रुपये भुनाए. इसमें से 77.4% पैसा यानी 3,050.11 करोड़ रुपये उसे मार्च, अप्रैल और मई 2019 में मिले, जब इन तीन महीनों में लोकसभा चुनाव था.
कब-कब भुनाए गए इलेक्टोरल बॉन्ड?
नवंबर-दिसंबर 2018 में कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, मिजोरम में विधानसभा चुनाव थे. बीजेपी को मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में हार मिली, लेकिन कांग्रेस में पड़ी फूट का फायदा उठाकर बीजेपी को सत्ता मिल गई. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, बीजेपी ने अक्टूबर और नवंबर 2018 में बीजेपी ने इलेक्टोरल बॉन्ड को भुनाकर 330.41 करोड़ रुपये हासिल किए. अगली किश्त जनवरी 2019 में खोली गई और पार्टी ने 173 करोड़ रुपये के बॉन्ड भुनाए.
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भी बीजेपी ने बॉन्ड भुनाने की शुरुआत की. 2019 में मार्च में चुनाव की तारीखों से कुछ दिन पहले बीजेपी ने 769.48 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड भुनाए. अप्रैल में जब वोटिंग की शुरुआत हुई तो बीजेपी ने 1572.93 करोड़ रुपये और फिर मई में 707.70 करोड़ रुपये के बॉन्ड भुनाए.
किन शहरों से मिला बीजेपी को सबसे ज्यादा बॉन्ड?