आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने साल 2001 के प्रदर्शन मामले में सुल्तानपुर की अदालत में सरेंडर किया. संजय सिंह को इस मामले में कोर्ट से जमानत मिल गई है. ये मामला 23 साल पहले तत्कालीन बसपा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन और रोड जाम से जुड़ा है. कोर्ट ने 50 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत के आदेश दिए हैं.
हाई कोर्ट ने लगाई थी सजा पर रोक
दरअसल, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 22 अगस्त को बिजली-पानी के लिए विरोध प्रदर्शन के 2001 के मामले में संजय सिंह की सजा पर रोक लगा दी थी. संजय सिंह ने हाई कोर्ट के निर्देश के मुताबिक, जमानत के लिए 50 हजा रुपये का मुचलका भरा. संजय सिंह के एडवोकेट मदन सिंह ने बताया कि बुधवार को संजय सिंह ने एमपी-एमएलए कोर्ट में सरेंडर किया और अदालत ने 50,000 रुपये के मुचलके पर उन्हें जमानत दे दी.
पिछले साल मिली थी सश्रम कारावास की सजा
बिजली-पानी को लेकर प्रदर्शन के 23 साल पुराने मामले में यहां की स्पेशल कोर्ट ने पिछले साल 11 जनवरी को संजय सिंह को 3 महीने के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी और 1500 रुपये का जुर्माना लगाया था.
कोर्ट ने साल 2023 की 11 जनवरी को संजय सिंह समेत 6 लोगों को दोषी करार दिया था और इसी साल 6 अगस्त को सज़ा के खिलाफ स्पेशल कोर्ट ने उनकी अपील खारिज कर दी थी.
गैर जमानती वारंट भी हुआ था जारी
इसके बाद एमपी-एमएलए कोर्ट ने संजय सिंह, समाजवादी पार्टी के नेता अनूप संडा और चार अन्य के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया कर दिया था.
इस शर्त पर मिली जमानत
आम आदमी पार्टी के नेता की अपील पर सुनवाई करते हाई कोर्ट के जस्टिस केएस पवार की बेंच ने आदेश दिया था कि संजय सिंह को स्पेशल कोर्ट की संतुष्टि के अनुरूप 50,000 रुपये का निजी मुचलका भरना होगा और यह शपथ पत्र देना होगा कि वह या उनके वकील पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई के समय अदालत में हाजिर होंगे.