झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. इसी के साथ साफ हो गया कि चंपाई सोरेन बीजेपी में शामिल होंगे. इस मुलाकात के बाद झारखंड बीजेपी ने चंपाई सोरेन का भारतीय जनता पार्टी परिवार में स्वागत किया है. वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा ने चंपाई सोरेन पर हमला बोलते हुए कहा कि यह दुखद है, लेकिन अब स्थिति स्पष्ट है.
असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा की ओर से चंपाई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने की पुष्टि के बाद जेएमएम नेता मनोज पांडे ने जोरदार हमला बोला है. उन्होंने कहा, "यह दुखद है, लेकिन अब स्थिति स्पष्ट है. वह किसी अन्य पार्टी में शामिल होने जा रहे हैं. इसका क्या असर होगा, यह तो समय ही बताएगा. इतिहास ने साबित कर दिया है कि जो लोग जेएमएम छोड़कर किसी अन्य पार्टी में शामिल हुए हैं, उन्हें वह सम्मान नहीं मिला है."
मनोज पांडे ने कहा, "बीजेपी का अस्तित्व हमारे नेताओं पर निर्भर है. उनके पास अपना कोई चेहरा नहीं है. जब तक चंपाई सोरेन हमारी पार्टी में हैं, उनका अपना कद और महत्व है. जैसे ही वह हमारी पार्टी छोड़ेंगे, मुझे लगता है कि लोग भी उन्हें छोड़ देंगे."
बीजेपी नेता ने चंपाई सोरेन पर क्या कहा?
वहीं बीजेपी नेता प्रतुल शाह देव ने चंपाई सोरेन का बीजेपी परिवार में स्वागत किया है. उन्होंने कहा, "जिस तरह से जेएमएम में उनका अपमान किया गया, उन्हें सीएम पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया, उन्हें इसका अंदाजा नहीं था. उन्हें सरकारी कार्यक्रमों में शामिल होने से रोक दिया गया, यह उनके लिए अपमानजनक था. उन्होंने अपना रास्ता चुना है और बीजेपी उनका स्वागत करती है."
VIDEO | "We welcome the former Jharkhand CM and prominent leader of JMM Champai Soren to the BJP family. The way he was insulted in JMM, he was forced to resign from the position of CM. He did not have the idea of it. He was barred to attend govt programmes, it was insulting for…
प्रतुल शाह देव ने कहा, "यह जेएमएम के ताबूत में आखिरी कील होगी. यह जेएमएम की नैया डुबो देगी. वह एक प्रमुख नेता हुआ करते थे और कोल्हान टाइगर के रूप में जाने जाते थे. यह फिर से स्पष्ट हो गया है कि सोरेन वंश के बाहर के किसी भी व्यक्ति को जेएमएम में महत्व नहीं मिलता है. वह 30 अगस्त को रांची में आधिकारिक तौर पर बीजेपी में शामिल होंगे."
चंपाई सोरेन ने क्यों की बगावत?
झारखंड के पूर्व सीएम चंपाई सोरेन ने हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद 2 फरवरी को झारखंड की कमान संभाली और प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. हालांकि, हेमंत सोरेन की जेल से रिहाई के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा और हेमंत सोरेन एक बार फिर सीएम बने. इसी फेरबदल पर चंपाई सोरेन ने नाराजगी जताई और खुद को झामुमो से अलग करने का फैसला किया.