उत्तर प्रदेश में दस सीटों पर होने वाले उपचुनाव इंडिया गठबंधन साथ मिलकर चुनाव लड़ेगा या दोनों के रास्ते अलग हो जाएंगे, इसे लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. हालांकि दोनों दल अभी साथ मिलकर ही चुनाव लड़ने का दावा कर रहे है लेकिन हकीकत ये है दोनों के बीच सीट बंटवारे को लेकर बात फंसी हुई है.
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस दस में से पांच सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने बताया कि उन्होंने अपनी डिमांड शीर्ष नेतृत्व के सामने रख दी है. लेकिन, अंतिम फैसला नेतृत्व को ही लेना है. वहीं कांग्रेस के दावे पर सपा में भी चर्चा की गई, सपा के मुताबिक जिन सीटों पर कांग्रेस ने दावेदारी की है उनमें से अधिकतर वो सीटें है जहां 2022 के चुनाव में कांग्रेस को दस हजार से भी कम वोट मिल पाए थे.
इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे पर फंसी बात
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने गाजियाबाद सीट पर सबसे अच्छा प्रदर्शन किया था. चर्चा है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव साफ कह चुके हैं कि अगर कांग्रेस पार्टी महाराष्ट्र और हरियाणा में सपा को प्रतिनिधित्व देती है तो ही यूपी में कांग्रेस के साथ गठबंधन होगा.
समाजवादी पार्टी ने हरियाणा चुनाव को लेकर स्थानीय पदाधिकारियों के साथ बातचीत भी की है. जिसमें ये बात निकल सामने आई है कि हरियाणा में 18 सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम और यादव वोटर्स हैं. सपा यहां पांच सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. पार्टी ने इस संबंध में कांग्रेस आलाकमान को भी बता दिया है. इसके साथ ही सपा महाराष्ट्र में भी भागेदारी चाहती है.
सपा का मानना है कि अगर कांग्रेस सपा के साथ महाराष्ट्र और हरियाणा में गठबंधन करेगी तो ही वो यूपी में कांग्रेस को साथ लेकर चलने को तैयार है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पार्टी का राष्ट्रीय पार्टी बनाना चाहते हैं. लोकसभा चुनाव में सपा भले ही देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है लेकिन, राष्ट्रीय दल का सिंबल नहीं मिल पाया है. इसके लिए सपा को दूसरे राज्यों में चुनाव लड़कर अपना वोट प्रतिशत बढ़ाना है ताकि वो दूसरे राज्यों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा सके.