मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने दिल्ली प्रवास के दौरान केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटील से मुलाकात की. इस मुलाकात में उन्होंने केंद्रीय मंत्री से नदी जोड़ो परियोजना पर विस्तृत चर्चा की.
केंद्र सरकार की तरफ से मध्य प्रदेश को केन- बेतवा लिंक परियोजना को लेकर बड़ी सौगात मिली है. केंद्र सरकार इस प्रोजेक्ट के लिए 1150 करोड़ रुपये की राशि शीघ्र जारी करेगी.
'केन- बेतवा लिंक परियोजना अद्वितीय'
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने केंद्रीय मंत्री पाटिल को बताया कि मध्य प्रदेश राज्य नदी-जोड़ो अभियान में बड़ी भूमिका निभा रहा है. उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सरकार महत्वाकांक्षी केन- बेतवा लिंक परियोजना पर काम कर रहे हैं, जो विश्व में अपने आप में अद्वितीय परियोजना है.
इस परियोजना के फायदे का जिक्र करते हुए सीएम मोहन यादव ने बताया कि बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास के लिए इस परियोजना से प्रदेश के 10 जिलों को सिंचाई और पेयजल आपूर्ति की सुविधा मिलेगी.
सीएम ने केंद्रीय मंत्री से किया ये आग्रह
सीएम मोहन यादव ने कहा कि बुंदेलखंड एक ऐसा क्षेत्र है जिसने कभी भी अपनी संप्रभुता दिल्ली सल्तनत या मुगल शासकों के अधीन नहीं की, लेकिन पानी के अभाव में दुर्भाग्यवश यह क्षेत्र संसाधनहीन हो गया. सीएम यादव ने बताया कि केन- बेतवा परियोजना के माध्यम से इस क्षेत्र का चहुमुखी विकास होगा.
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटील को बताया कि राज्य को दौधन बांध, लिंक नहर के भू-अर्जन और पुनर्विस्थापन के लिए 1150 करोड़ रुपये राशि केन्द्र से प्राप्त होना शेष है. इस पर केंद्रीय मंत्री ने शीघ्र जारी करवाने का आश्वासन दिया.
पार्वती काली सिंह चंबल प्रोजेक्ट पर चर्चा
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने राजस्थान राज्य के साथ भारत सरकार के जरिये स्वीकृत 70 हजार करोड़ रुपये की पार्वती कालीसिंध चंबल परियोजना के संबंध में भी विस्तृत चर्चा की.
सीएम डॉ यादव ने बताया कि मध्य प्रदेश ऐसा पहला राज्य है जो समीपवर्ती राज्यों के साथ नदियां जोड़ने के अलावा अंतरराज्यीय नदियों को जोड़ने पर भी विचार कर रहा है. उन्होंने केंद्रीय मंत्री को अवगत कराया कि कान्ह और गंभीर नदियों को जोड़ने का प्रारंभिक तौर पर प्रस्ताव बनाया जा रहा है.
जिस पर केंद्रीय मंत्री सीआर पाटील ने सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की है. बैठक के दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जानकारी दी कि प्रदेश में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत 21 में से 17 योजनाएं सबसे पहले पूरी कर ली गई हैं.