हरियाणा के पटौदी विधानसभा क्षेत्र से टिकट न मिलने से नाराज भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता सुमेर सिंह तंवर ने बुधवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया. पिछले 37 वर्ष से बीजेपी के लिए काम कर रहे तंवर के साथ-साथ बड़ी संख्या में उनके सहयोगियों ने भी पार्टी छोड़ दी. तंवर ने साफ किया कि वह किसी राजनीतिक पार्टी में शामिल नहीं होंगे, लेकिन सामाजिक और राष्ट्रीय हितों से जुड़े कार्यों के प्रति समर्पित रहेंगे.
सुमेर सिंह तंवर ने केंद्रीय मंत्री और गुरुग्राम से सांसद राव इंद्रजीत सिंह पर निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि इस बार चुनाव में बीजेपी नेतृत्व ने दक्षिण हरियाणा की सभी विधानसभा सीट पर राव इंद्रजीत सिंह के परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों और उनके संगठन ‘इंसाफ मंच’ से जुड़े लोगों को टिकट देकर पार्टी की जीत की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाया है. तंवर ने कहा कि मेहनती और समर्पित कार्यकर्ताओं की अनदेखी की गई है.
तंवर ने पीएम मोदी को भेजा त्यागपत्र
तंवर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे अपने त्यागपत्र में कहा कि मोदी लहर और बीजेपी के मेहनती कार्यकर्ताओं की बदौलत ही राव इंद्रजीत सिंह ने 2014 से 2024 तक तीन बार चुनाव जीता. तंवर ने कहा, ''माननीय प्रधानमंत्री, यह हरियाणा के हजारों कार्यकर्ताओं का दर्द है. राव इंद्रजीत के डर और धमकी के कारण कार्यकर्ता कुछ भी कह नहीं पा रहे हैं."
राव इंद्रजीत सिंह जता चुके हैं सीएम पद पर दावेदारी
केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह कई मौकों पर कह चुके हैं वे बीजेपी में नहीं आते तो राज्य में बीजेपी की सरकार नहीं बनती. दक्षिण हरियाणा ने बीजेपी की सरकार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन उन्हें प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाया. पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री कह चुके हैं कि 12 साल बाद तो कूड़े का नंबर भी आ जाता है, हम उससे गए-गुजरे नहीं हैं. यानी राव इंद्रजीत सिंह कई बार मुख्यमंत्री पद की दावेदारी जता चुके हैं.