महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए सत्तारूढ़ महायुति ने कमर कस ली है. महायुति में शामिल सीएम एकनाथ शिंदे की शिवसेना, बीजेपी और अजित पवार की एनसीपी के बीच इन दिनों सीटों पर लगातार बातचीत जारी है. इस बीच शनिवार को नागपुर में मुख्यमंत्री शिंदे के आधिकारिक आवास रामगिरी में शनिवार रात करीब 8 बजे बैठक शुरू हुई और देर रात 1.30 बजे तक चली.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इसकी जानकारी रखने वाले नेताओं ने बताया कि तीनों दलों के बीच करीब-करीब सहमति बन गई है. इस बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने रविवार को कहा कि विधानसभा चुनाव के लिए सत्तारूढ़ गठबंधन के सहयोगी दलों के बीच सीटों के बंटवारे पर बातचीत 10 दिन में पूरी हो जाएगी. उन्होंने नागपुर में कहा कि सीटों के बंटवारे का मानदंड सीटों की संख्या नहीं बल्कि जीतने की संभावना होगी.
किसे कितनी सीटें?
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर में कराए जा सकते हैं. सूत्रों ने बताया कि राज्य की कुल 288 विधानसभा सीटों में से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) करीब 160 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है, जबकि शिवसेना को 60 से 70 सीटें मिल सकती हैं. वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को 50 विधानसभा सीटों से संतोष करना पड़ सकता है. बता दें कि अजित पवार ने 60 सीटों पर दावा किया है.
अजित पवार की क्या है मांग?
शनिवार को नागपुर में एक रैली के दौरान अजित पवार ने कहा कि उनकी पार्टी की 60 सीटों पर नजर है. उन्होंने कहा, "हमने 2019 के पिछले चुनाव में 54 सीटें जीती थीं. हमें करीब 60 सीटें मिलनी चाहिए." सूत्रों ने बताया कि कुछ सीटें बच्चू कडू की प्रहार जनशक्ति पार्टी जैसे छोटे सहयोगियों को दी जाएंगी.
बता दें कि महाराष्ट्र में महायुति का मुकाबला एमवीए से है. यहां एमवीए में कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार की एनसीपी (एसपी) शामिल है.