नेशनल कांफ्रेंसके उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने केंद्र की बीजेपी नीत सरकार को ‘मुसलमान-विरोधी’ करार देते हुए कहा, "आजादी के बाद यह पहली ऐसी सरकार है, जिसमें देश में 14 प्रतिशत मुस्लिम आबादी होने के बाद भी एक भी मुस्लिम मंत्री नहीं है."
उमर अब्दुल्ला ने नेशनल कांफ्रेंस के ‘नरम अलगाववादी’ होने के बीजेपी के आरोप पर पलटवार करते हुए सवाल किया, "तो फिर क्यों पिछले 35 सालों में उनके पार्टी के 4000 से 4500 कार्यकर्ताओं, पार्टी पदाधिकारियों, विधायकों एवं विधानपरिषद सदस्यों की जान गई?"
‘पहली ऐसी सरकार जिसमें कोई मुस्लिम मंत्री’
जम्मू कश्मीर के मेंढर में अपनी पार्टी के प्रत्याशी जावेद राणा के पक्ष में प्रचार करते हुए एक जनसभा में अब्दुल्ला ने कहा आज़ादी के बाद से यह पहली ऐसी सरकार है जिसमें कोई मुस्लिम मंत्री नहीं है, जबकि भारत की जनसंख्या में मुसलमान 14 प्रतिशत हैं. गृह मंत्री जो यहां आकर मुसलमानों से वोट मांगेंगे, उनसे पूछा जाना चाहिए कि केंद्र सरकार में हमारा कोई प्रतिनिधि क्यों नहीं है?
बीजेपी पर प्रहार जारी रखते हुए अब्दुल्ला ने कहा दो प्रतिशत आबादी वाले सिख समुदाय का सरकार में एक प्रतिनिधि है, जबकि 14 प्रतिशत आबादी वाले मुसलमानों को वही अधिकार नहीं दिया गया है. उन्होंने कहा आपको हमारा प्रतिनिधित्व करने के लिए एक भी मुस्लिम चेहरा नहीं मिल सका. क्या हम इस बीजेपी को वोट देंगे जो हमारी मस्जिदों, विद्यालयों और मदरसों पर ताला लगा रही है, उत्तर प्रदेश में मुसलमानों की दुकानें को गिरा रही है और हमारी लड़कियों से स्कूल में आने से पहले हिजाब हटाने को कह रही है. उन्होंने कहा क्या बीजेपी इसके लिए वोट मांगेगी. उसने हमारे लिया क्या किया है?
बीजेपी के आरोपों पर बोले अब्दुल्ला
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने बीजेपी द्वारा नेशनल कांफ्रेंस को ‘नरम अलगाववादी’ करार देने पर भी जवाब दिया. उन्होंने कहा यदि वह हमें नरम अलगाववादी कहना चाहती है तो ठीक है. लेकिन पिछले 35 साल में हमारे 4,000 से 4,500 कार्यकर्ता, पदाधिकारी, विधायक और विधानपरिषद सदस्य क्यों मारे गए? अगर हम पाकिस्तानी या आतंकी एजेंडे पर चल रहे थे और देश को कमजोर कर रहे थे, तो इन 4,500 लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन है?
आतंकवादियों और पाकिस्तान के एजेंडे पर नेकां के चलने के बीजेपी के आरोपों पर अब्दुल्ला ने बीजेपी के दावे और जमीनी हकीकत के बीच फर्क बताया. विकास प्रयासों में ‘कमी’ को लेकर बीजेपी की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी द्वारा ‘डबल इंजन सरकार’ की शेखी बघारने को लेकर वह वह गृह मंत्री से सवाल करना चाहते हैं.
नेशनल कांफ्रेंस उपाध्यक्ष ने कहा कि पार्टी जम्मू-कश्मीर में विकास चाहती है, लेकिन 10 साल तक यहां डबल इंजन की सरकार रही है. पहले मुफ्ती मोहम्मद सईद, फिर महबूबा मुफ्ती और अब राज्यपाल और उपराज्यपाल के अधीन लेकिन मेंढर में कोई प्रगति नहीं दिखी. अब्दुल्ला ने कहा कि चुनाव का पहला चरण पूरा हो चुका है और दावा किया कि रिपोर्टों से पता चलता है कि नेकां और कांग्रेस के उम्मीदवार जीत दर्ज कर रहे हैं.