पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने शुक्रवार को नेता प्रतिपक्ष की यात्रा पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में कुर्सी पाने के लिए सियासत के लिए यात्रा होती है. तेजस्वी यादव के नाम लिए बिना यात्रा करने वाले नेताओं पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि सिर्फ सत्ता, सियासत, कुर्सी के लिए उनकी यात्रा होती है. गरीबों के लिए नहीं होती, किसानों के लिए नहीं होती है.
आगे उन्होंने कहा कि बिहार में सत्ता पक्ष वाले लोग हो या चाहे विपक्ष के हो उनकी यात्रा जो है बिल्कुल बिहार के 14 करोड़ जनता की भावनाओं के खिलाफ है उसकी आजादी के खिलाफ है, लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है. इन लोगों की यात्रा सिर्फ सत्ता के लिए केंद्रित है. वहीं, इसके साथ ही बड़ा ऐलान करते हुए उन्होंने कहा कि 29 सितंबर से उनकी भी यात्रा शुरू होगी. 'वफ्फ कब्रिस्तान अधिकार यात्रा' की वो शुरुआत करेंगे.
पप्पू यादव ने यात्रा को लेकर बताया प्लान
पप्पू यादव अपनी यात्रा की जानकारी देते हुए बताया कि 'वफ्फ कब्रिस्तान अधिकार यात्रा' की शुरुआत 29 सितंबर से कोसी सीमांचल से होगी और पटना के गांधी मैदान में इस यात्रा की अंत होगी. पहला दिन 29 सितंबर को अररिया, 30 तारीख को किशनगंज, 31 को कटिहार कोसी सीमांचल होते हुए पटना के गांधी मैदान तक यह यात्रा आएगी. सुन्नी वफ्फ बोर्ड कमेटी के सारे मेंबर से हम बात कर रहे हैं. इमारतें सरिया से लेकर इस्लामी संगठन जो भी है उनसे बातचीत चल रही है.
वफ्फ बिल है काला कानून- पप्पू यादव
सांसद ने आगे कहा कि वफ्फ बोर्ड का कानून जो आया यह काला कानून है. यह काला कानून हर धर्म की आजादी और लोगों के जीने की आजादी पर हमला है. अब मरने के बाद भी कब्रिस्तान में जाने के लिए सोचना पड़ेगा. सारी जमीन अडानी-अंबानी को दे दिया जाएगा. इसके हम खिलाफ हैं. वफ्फ कब्रिस्तान का अधिकार को छीनने के हम खिलाफ हैं. वफ्फ जो बिल्कुल रिलिजन से जुड़ा मामला है जो मुसलमान से जुड़ा मामला नहीं है उसके जीवन से जुड़ा मामला है. यह काला कानून पप्पू यादव के जीते जी लागू नहीं होगा.