पिछले कुछ समय में देश के कई हिस्सों से ट्रेनों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने की घटनाओं का खुलासा हुआ है, जिसके बाद ट्रेनों की सुरक्षा को लेकर कई तरह के सवाल उठने शुर हो गए हैं. इन तमाम घटनाओं को रेलवे ने बेहद गंभीरता से लिया है. जिसके बाद रेलवे ट्रैक के सुरक्षा को देखते हुए बड़ा कदम उठाने की तैयारी की गई है.
रेलवे ने ट्रैक की सुरक्षा के लिए 'ट्रैक मित्र' बनाने शुरू किए हैं, ये ट्रैक मित्र संदिग्ध गतिविधियों को जानकारी तत्काल रेलवे के संबंधित अधिकारियों को देंगे ताकि किसी भी बुरे हादसे से बचा जा सके. इसके तहत क़वायद भी शुरू हो गई है. सिर्फ लखनऊ मंडल की बात की जाए तो अब तक 170 ट्रैक मित्र बनाए गए हैं इन्हें पटरियों की सुरक्षा के लिए जागरुक किया जा रहा है.
पटरियों की सुरक्षा के बनाई रणनीति
इसके लिए उन युवाओं पर खासतौर से फोकस किया जा रहा है जो पढ़े लिखे और गांवों के प्रधान या प्रतिष्ठित स्कूल-कॉलेजों से पढ़ाई कर चुके हैं और ऐसी जगहों पर रहते हैं जहां से रेलवे लाइन पास से ही गुजरती है. इन युवाओं को ट्रैक की सुरक्षा के लिए जागरुक किया जा रहा है और बताया जा रहा है कि अगर वो ट्रैक के आसपास कोई संदिग्ध गतिविधि देखते है तो इसकी सूचना तत्काल सुरक्षा अधिकारियों को दे सकें.
रेलवे के अधिकारी रेलवे लाइन के आसपास के खेतों में किसानों और चरवाहों से भी संपर्क कर बातचीत कर रहे हैं और उन्हें ट्रैक की सुरक्षा के लिए ट्रेनिंग दे रहे हैं. इनके अलावा रेलवे लाइन के आसपास पड़े बोल्डर, ख़राब या इस्तेमाल नहीं होने वाले सामान या ऐसी चीजें जिससे ट्रैक के प्रभावित किया जा सकता है उन्हें भी हटाया जा रहा है. इसके अलावा पटरियों के आसापास कौन से लोग रह रहे हैं वो क्या काम करते हैं इसकी भी जानकारी इकट्ठा की जा रही है.