कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में बीजेपी सरकार के भीतर अलग-अलग शक्ति केंद्र उभर आए हैं, जिससे ये स्पष्ट नहीं है कि कौन मंत्री कैबिनेट में है और कौन नहीं.
कानून के मुद्दे पर भजन लाल शर्मा सरकार की आलोचना करते हुए सचिन पायलट ने कहा, "राज्य के मौजूदा हालातों से लोग व्यथित हैं. आमतौर पर सरकारों के भीतर तीन-चार साल के बाद तनाव पैदा होता हैं, लेकिन यहां मैं देख रहा हूं कि शुरुआत से ही सत्ता के अलग-अलग केंद्र उभर कर सामने आए हैं."
पूर्व डिप्टी CM पायलट ने आगे कहा, "ये राज्य के लोगों के लिए हानिकारक है. यह स्पष्ट नहीं है कि सरकार कौन चला रहा है. कभी एक नेता कुछ कहता है तो कभी कोई दूसरा नेता कुछ और कहता है." एक राज्य-एक चुनाव पर एक सवाल का जवाब देते हुए पायलट ने कहा कि सरकार के भीतर समन्वय की कमी है, यही वजह है कि बेतुके बयान सामने आ रहे हैं.
बिश्नोई समुदाय के कार्यक्रम में पहुंचे थे सचिन पायलट
पायलट ने आरोप लगाया कि ग्रामीण क्षेत्रों में विकास ठप हो गया है. हमारी कांग्रेस सरकार ने जिन परियोजनाओं के टेंडर जारी किए थे. उनपर वर्तमान सरकार अमल नहीं कर रही जिसकी वजह से वे कार्य आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं. बता दें कि कांग्रेस नेता सचिन पायलट जोधपुर के पास खेजड़ली में बिश्नोई समुदाय द्वारा आयोजित शहीदी दिवस में भाग लेने के लिए एक दिवसीय दौरे पर गए थे. ये दिन बिश्नोई समुदाय के उन 363 लोगों की याद में मनाया जाता है जिन्होंने पेड़ों को बचाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी.
‘प्रदेश की कानून व्यवस्था बिगड़ रही है’
पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा सरकार बेपरवाह दिख रही है जिससे प्रदेश की कानून व्यवस्था बिगड़ रही है. हर जिले में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब नजर आ रही है. उन्होंने कहा जोधपुर में इतनी दुष्कर्म की घटनाएं हुई है जिससे लॉ एंड ऑर्डर पूरी तरह बिखर गया है. सरकार कानून व्यवस्था पर शिकंजा कसने के बजाय आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति में लगी हुई है.
‘अगर सरकार चाहती है तो RPSC को भंग कर दें’
किरोड़ी लाल मीणा के राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) को भंग करने की मांग पर पायलट ने कहा कि अगर सरकार चाहती है तो इसे भंग किया जा सकता है. चुनाव से पहले बीजेपी बड़े-बड़े वादे करती थी लेकिन अब आरपीएससी को भंग करने की बात आती तो सरकार पीछे हट रही हैं. पायलट ने कहा कि लोगों को अब आरपीएससी पर भरोसा नहीं है.