कानपुर में अब भेड़िए का आतंक दिखाई दे रहा है. दो दिन के भीतर 4 लोगों को भेड़िया अपना शिकार बना चुका है. जंगल किनारे बसे गांवों में भेड़िया दिखाई दिया और लोग उसके हमले से घायल भी हुए हैं. कानपुर के सिमेरुआ गांव, बेंहटा गांव के रहने वाले ग्रामीणों को खेत में काम करने के दौरान भेड़िये ने उनपर हमला बोला है. ग्रामीणों ने वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है.
कानपुर के नरवाल थाना क्षेत्र के सेमरूआ और बेहटा गांव में रहने वाले तीन लोग देर शाम भेड़िए के हमले से घायल हो गए. ये हमला तब हुआ जब सेमरुआ गांव के रहने वाले जगरूप के दस साल के बेटे शानू और गांव के दूसरे 44 साल के रामबहादुर खेत पर काम कर रहे थे. तभी भेड़िए ने इनपर हमला बोल दिया. जब तक वे कुछ समझ पाते तब तक भेड़िए ने बच्चे और रामबहादुर दोनो को अपने जबड़े में फसा लिया था. जैसे तैसे दोनों भेड़िए के हमले से बच निकले और गांव के भीतर आ गए.भेड़िये ने पास के गांव में रहने वाले 50 साल के रामकिशोर पर भी हमला किया है.
ग्रामीणों मे है दहशत का माहौल
भेड़िये ने एक बार फिर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है. घटना के दूसरे दिन भेड़िए ने एक और शख्स को अपना शिकार बनाया. प्रकाश नाम के शख्स पर भेड़िये ने हमला किया है. जिस वक्त भेड़िये ने प्रकाश पर हमला किया वे खेत पर काम कर रहे थे. क्षेत्र में बढ़ रहे भेड़िये के हमले से ग्रामीण दहशत में हैं. घर के बाहर न तो बच्चे देर शाम को निकल रहे हैं और न ही बड़े बुजुर्ग. हर कोई भेड़िये के डर से खौफजदा है. ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग की टीम गांव में न कोई जाल बिछा रही है और न ही उसे पकड़ने का कोई इंतजाम कर रही है.
जंगली जानवर के हमले से नरवाल के कई गांव के लोग दहशत में हैं. घायलों को उपचार के लिए अस्पताल भेज गया था जिसके बाद ग्रामीण अब खेतों पर जाने से मना कर रहे हैं. वन विभाग भेड़िये को पकड़ने के तमाम दावे कर रहा है लेकिन ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि अब तक विभाग के लोगों ने भेड़िये को पकड़ने के लिए कोई इंतजाम नहीं किया है न जाल लगाए गए. न ही कोई खोजबीन हुई है.