केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता नितिन गडकरी ने हाल में ही बयान दिया था कि उन्होंने विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद के लिए दिए गए प्रस्ताव को ठुकरा दिया था. इसके अलावा पीएम बनना उनके जीवन का लक्ष्य नहीं है. उनके इस बयान पर काफी ज्यादा चर्चा हो रही है.
उन्होंने ये बयान दिवंगत अनिल कुमार पत्रकारिता पुरस्कार समारोह में मीडिया के लोगों को संबोधित करते हुए दिया था. अपने इस बयान पर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने एक बड़ी बात कही है.
'मैं अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करूंगा'
हाल में ही केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज तक को इंटरव्यू दिया था. इस इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया कि किस विपक्ष के नेता ने उन्हें प्रधानमंत्री पद का ऑफर दिया था और उन्हें कब ये ऑफर मिला था तो जवाब में उन्होंने कहा, "मैं राजनीति में सिद्धांतों के लिए आया हूं. प्रधानमंत्री या मंत्री बनने के लिए नहीं आया हूं. इसी वजह से सिद्धांतों से समझौता करने का सवाल ही नहीं उठता है. "
उन्होंने आगे कहा, "कहने वाले कहते हैं, लेकिन मैं बीजेपी का एक कार्यकर्ता हूं और आरएसएस का स्वयंसेवक हूं. मैं जब तक हूं, पार्टी के साथ रहूंगा. मैं अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करूंगा."
'नाम लेना उचित नहीं है'
इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि कौन थे वो नेता जिन्होंने आपको ये ऑफर दिया था तो उन्होंने कहा, 'अनेक लोगों ने कहा था. जब इस तरह की बात होती है तो ये व्यक्तिगत होती है. उनका नाम उचित नहीं होगा.'
बताया अपने बयान का मतलब
अपने बयान को लेकर उन्होंने कहा, 'मैंने यह बयान पत्रकारिता पुरस्कार समारोह में दिया था. मैंने पत्रकारों को कहा था कि समाज हित में काम करने की जरूरत है. आप को सिद्धांतों से समझौता करना नहीं चाहिए. मैंने उन्हें यह समझाने के लिए कहा था.'