झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने बीजेपी पर अन्य दलों के विधायकों और सांसदों की ‘खरीद-फरोख्त’ करने का आरोप लगाया. उन्होंने ने दावा किया कि इस साल विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी राज्य से हमेशा के लिए बाहर हो जायेगी.
सीएम सोरेन ने आरोप लगाया, ‘‘यदि लोग उन्हें (बीजेपी) नकार भी दें तो भी वे विधायकों, सांसदों को अपने पाले में कर लेते हैं और सरकार बनाने के लिए विपक्षी नेताओं के खिलाफ ईडी और सीबीआई जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल करते हैं या उन्हें जेल में डाल देते हैं.’’
मुख्यमंत्री गुमला ‘आपकी योजना, आपकी सरकार आपके द्वार’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने गुमला और लोहरदगा जिलों के लिए 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की 347 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया.
सोरेन ने कहा, ‘‘जैसे मछली पानी के बिना जीवित नहीं रह सकती, वैसे ही हमारा विपक्ष (बीजेपी) भी सत्ता के बिना ऐसा ही महसूस करता है... वे पिछले दो सालों से मेरे और हमारे विधायकों के पीछे पड़े हैं. लेकिन, हम न तो बिकाऊ हैं और न ही डरे हुए हैं.’’ उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जब झारखंड में बीजेपी के ‘‘स्थानीय नेता विफल” हो गए, तो अब वह छत्तीसगढ़, असम, गुजरात और मध्य प्रदेश से नेताओं को ‘‘आयात’’ कर रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ये नेता यहां विभिन्न समुदायों के बीच सांप्रदायिक तनाव भड़का रहे हैं.’’ सीएम सोरेन ने बीजेपी पर अपनी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में बाधा उत्पन्न करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘‘वे नहीं चाहते कि योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचे. लेकिन, हमने तय किया है कि इस बार हम झारखंड से अपने विपक्ष को हमेशा के लिए बाहर कर देंगे.’’
राज्य में आबकारी कांस्टेबल की भर्ती के लिए शारीरिक परीक्षण के दौरान कुछ अभ्यर्थियों की मौत पर सोरेन ने कहा कि “दोषपूर्ण” कोविड टीके मौत का एक कारण हो सकते हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘झारखंड में लोगों को दिए गए कोविड टीके दोषपूर्ण थे. इसका असर मरने वाले युवाओं में देखा जा रहा है.’’ अधिकारियों ने बताया कि अब तक कुल 12 अभ्यर्थियों की मौत हो चुकी है. सोरेन ने कहा, ‘‘युवाओं की मौत के पीछे साजिश का संदेह है. मैंने इसकी जांच के आदेश दे दिए हैं.’’ इससे पहले बीजेपी की झारखंड इकाई ने दावा किया था कि झामुमो नीत सरकार के “कुप्रबंधन” के कारण अभ्यर्थियों की मौत हुई.