महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले महाविकास अघाड़ी (एमवीए) में मुख्यमंत्री चेहरे पर घमासान छिड़ा है. इस बीच अब उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) ने भी अपना रुख साफ कर दिया है.
शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा, ''जनता के मन में जो चेहरा है, जनता उसे ही मुख्यमंत्री बनाएगी. पवार साहब की बात पूरी तरह सही है. कौन कितनी सीटें जीत रहा है यह बाद में तय होगा लेकिन यह तय है कि MVA को बहुमत मिल रहा है. हमारा पहला काम है इस भ्रष्ट सरकार को हटाना. उसके बाद हम मुख्यमंत्री के चेहरे पर कभी भी चर्चा कर सकते हैं.''
शरद पवार और कांग्रेस ने क्या कहा?
दरअसल, बुधवार (4 सितंबर) को एनसीपी (एसपी) के प्रमुख शरद पवार ने कहा था कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले महा विकास अघाड़ी (एमवीए) को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने की कोई जरूरत नहीं है.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष पवार ने कहा कि मुख्यमंत्री कौन होगा, इस संबंध में फैसला चुनाव परिणामों के बाद किया जा सकता है. उनके बयान का महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने भी समर्थन किया.
शिवसेना (यूबीटी) की क्या है मांग?
दरअसल, एमवीए में उद्धव ठाकरे सीएम चेहरे के दावेदार माने जा रहे हैं. शिवसेना (यूबीटी) उनके चेहरे की पैरवी करती रही है. हालांकि गठबंधन में शामिल एनसीपी (एसपी) और कांग्रेस चुनाव बाद जीत की स्थिति में सीटों की संख्या के आधार पर सीएम तय करने के मूड में है. एमवीए में सबसे अधिक सीटों पर शिवसेना (यूबीटी) चुनाव लड़ सकती है.
बता दें कि विपक्षी एमवीए का महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति से मुकाबला है. महायुति में बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी शामिल है. महायुति में भी सीएम चेहरे को लेकर सस्पेंस है. महाराष्ट्र की सभी 288 सीटों पर अक्टूबर-नवंबर के महीने में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं.