आम आदमी पार्टी (आप) ने भारतीय जनता पार्टी पर दिल्ली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) कार्यालय के पास से रानी लक्ष्मीबाई की प्रतिमा को हटाने की साजिश रचने का आरोप लगाया है. पार्टी की ओर से जारी आधिकारिक बयान मुताबिक आप के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने दावा किया कि यह कदम देशभक्तों का अपमान करने और स्वतंत्रता सेनानियों के साथ विश्वासघात करने की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सियासी विरासत का हिस्सा है.
आप नेता संजय सिंह ने आरोप लगाया कि बीजेपी सदस्यों और उनके वैचारिक पूर्ववर्तियों ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अंग्रेजों का समर्थन किया और यह विश्वासघात आज भी उनके कार्यों में कायम है. उन्होंने कहा कि बीजेपी देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाली रानी लक्ष्मीबाई की प्रतिमा की उपस्थिति बर्दाश्त नहीं कर सकती और आम आदमी पार्टी इस प्रतिमा को हटाने से रोकने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में बड़े पैमाने पर अभियान चलाएगी.
'देश के महान नेताओं का अपमान'
आप सांसद संजय सिंह ने कहा, ‘‘देश भर से लोग संसद भवन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, बाबा साहब डॉ. आंबेडकर और छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमाओं पर श्रद्धांजलि देने आते थे, लेकिन बीजेपी नीत केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद भवन से इन महान नेताओं की प्रतिमाएं हटाकर उनका अपमान किया है.’’
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी अब झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की प्रतिमा हटाने की योजना बना रही है. दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान संजय सिंह ने कहा, "53 सालों तक RSS और BJP ने राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया.
रानी लक्ष्मीबाई कौन थीं?
महान स्वतंत्रता सेनानी रानी लक्ष्मीबाई मराठा शासित झांसी राज्य की रानी और 1857 की स्वतंत्रता संग्राम लड़ाई की दूसरी शहीद वीरांगना थीं. उन्होंने सिर्फ 29 वर्ष की उम्र में अंग्रेज साम्राज्य की सेना से युद्ध किया और रणभूमि में देश के लिए शहीद हो गईं. आप सांसद संजय सिंह ने रानी लक्ष्मीबाई की प्रतिमा को हटाने पर बीजेपी के खिलाफ अभियान चलाने की धमकी दी.