उत्तर प्रदेश के संभल में परंपरागत निकलने वाले ईद मिलादुन्नबी के जुलूस को पुलिस द्वारा रोके जाने पर लोगों में आक्रोश बढ़ा गया. इस दौरान विधायक पुत्र मौके पर पहुंचे, साथ ही एसडीएम और सीओ ने भी मौके पर पहुंच गए. इसके बाद मुद्दे को राजनीतिकरण का रूप न देने को कहकर वार्ता कर जुलूस निकलवाया.
पूरा मामला सदर कोतवाली इलाके के घंटाघर के पास का है. जहां परंपरागत मौहल्ला कोट से जुलूस आकर मुख्य जुलूस में शामिल होते हैं. जुलूस की गाड़ी खराब हो जाने के कारण जुलूस थोड़ा लेट हो गया. इसी कारण कोतवाली प्रभारी ने घंटाघर के पास जुलूस को आगे जाने से रोक दिया. लोगों द्वारा परंपरागत जुलूस बताए जाने पर भी जुलूस को आगे जाने नहीं दिया तो मौके पर भीड़ बढ़ती गई. इसकी सुचना एसडीएम और सीओ को दी गई, जिसके बाद एसडीएम और सीओ मौके पर पहुंचे.
पूर्व मंत्री के बेटे पहुंचे
संभल के सपा विधायक और पूर्व मंत्री के बेटे सुहैल इकबाल को लोगों ने मौके पर बुला लिया. जिसे देखकर एसडीएम ने मुद्दे को राजनीतिकरण का रूप न देने का आह्वान किया. इस पर विधायक पुत्र की उनसे कहा सुनी हुई, मुख्य जुलूस के लोगों को बुलाकर जुलूस के बारे में एसडीएम और सीओ ने जानकारी ली तो उसके बाद जुलूस को मुख्य जुलूस की तरफ रवाना किया गया. इस दौरान सुहैल इकबाल ने कहा कि हमारे ही जुलूस पर पाबंदी क्यों लगती है और भी जुलूस निकालते हैं उस पर कुछ नहीं होता है.
इस दौरान जुलूस में शामिल होने आए संभल सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि परंपरागत निकलने वाले किसी के किसी भी जुलूस में रुकावट पैदा नहीं होनी चाहिए. पुलिस प्रशासन को पारदर्शिता से कार्य करना चाहिए. बिना वजह धार्मिक जुलूस में व्यवधान न डालें. शांति पूर्वक जुलूस को आगे बढ़ने दिया जाना चाहिए था. काफी देर के बाद जुलूस आगे बढ़ाया गया. पुलिस और प्रशासन जुलूस को लेकर सतर्कता बनाये हुए है.