हिंडनबर्ग रिपोर्ट में सेबी प्रमुख माधबी बुच पर लगाए गए आरोपों को लेकर कांग्रेस ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर हमला बोला है. कांग्रेस ने सोमवार (2 सितंबर 2024) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मुद्दे को उठाते हुए नरेंद्र मोदी सरकार पर कई सवाल उठाए.
कांग्रेस पार्टी के मीडिया एवं प्रचार विभाग के चेयरमैन पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बाजार में हम जो पैसा लगाते हैं उसे सेबी रेग्युलेट करता है, लेकिन सेबी की चैयरपर्सन को कौन नियुक्त करता है... वो अमित शाह के मंत्रालय की ओर से होता है, जबकि यह कैबिनेट की नियुक्ति समिति है, जिसमें प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शामिल हैं. इस समिति के दो सदस्य सेबी अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए जिम्मेदार हैं.'
'एक साथ तीन जगह से सैलरी ले रहीं थीं माधबी बुच'
पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि सेबी चीफ एक साथ तीन जगहों से सैलरी ले रही थीं. वह ICICI बैंक, ICICI प्रुडेंशियल और SEBI से एक साथ सैलरी ले रही थीं. उन्हें 2017 और 2024 के बीच ICICI बैंक से 16.8 करोड़ रुपये की नियमित आय प्राप्त हुई. अगर आप पूर्णकालिक सेबी सदस्य हैं, तो आप ICICI बैंक से वेतन क्यों प्राप्त कर रहे थे.
सेबी चीफ से की इस्तीफा देने की मांग
पवन खेड़ा ने कहा कि माधबी पुरी बुच पहले सेबी की सदस्य थीं. अचानक 2 मार्च 2022 को चेयरपर्सन बनीं. इसके बाद भी 2017 से 2024 के बीच में करोड़ों की रेगुलर इनकम ICICI बैंक से ले रही थीं. यही नहीं ईशॉप पर जो टीडीएस था, वो भी यही बैंक दे रहा था. यह सीधे तौर पर नियम का उल्लंघन है. इसके बाद 2019-20 के दौरान ICICI बैंक से मिलने वाली सैलरी में बढ़ोतरी हो जाती है. अगर थोड़ी सी भी लाज शर्म लज्जा हो तो आपको तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। लगातार ये आईसीआईसीआई बैंक से लाभार्भी रहे हैं और उसकी जांच कौन कर रहा है ये सेबी ही कर रही है.
क्या पीएम को पता था कि बुच बैंक से लाभ ले रही हैं?
पवन खेड़ा ने आगे कहा कि अगर आपका ये नया इंडिया है तो ये नई कांग्रेस हैं और ये कांग्रेस डरती नहीं है... ये नए खुलासे करती है. सवाल केवल सेबी या सेबी की चेयरपर्सन से नहीं पूछे जाएंगे, सिर्फ आईसीआईसीआई बैंक से नहीं होगें.. बल्कि सवाल पीएम मोदी से भी होगें और सबसे पहले उनसे ही पूछेगें. इस तरह की सर्वोच्च संस्था के हेड को चुनते वक्त क्या पीएम को पता था कि वह बैंक से लाभ ले रही हैं. सेबी ने अपनी ही गाइडलाइंस ICICI बैंक के लिए बदली. ये हो क्या रहा है... बैंक से नौकरी छोड़ने के इतने दिनों बाद भी लाभ क्यों मिल रहा है.
'बैंक अगर सैलरी दे रहा है तो बदले में क्या मिल रहा है'
आज कल पीएम गुस्से में, पत्थर मारते हुए माफी मांग लेते हैं तो शायद कुछ बता दें कि सेबी की चेयरपर्सन को कौन बचा रहा है.. इस शतरंज का खिलाड़ी कौन है? अब इस बैंक को भी कठघरे में खड़ा करना होगा... आईसीआईसीआई बैंक ने कहीं डिक्लेयर किया है कि सेबी की चेयरपर्सन को वो लाभ दे रहे हैं.. हमें तो कहीं नहीं दिखा.. अगर बैंक सेबी की चैयरपर्सन को सैलरी दे रहा है तो बदले में क्या मिल रहा था?
कांग्रेस के सवाल
पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में तमाम सवाल पूछने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी और आईसीआईसीआई से कई सवाल भी पूछे. उन्होंने कुछ इस तरह सवाल पूछे...-सरकार से सवाल : सेबी प्रमुख नियुक्ति के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई गई?
-क्या पीएम को पता था कि माधबी बुच लाभ के पद पर हैं?
ICICI के मामलों की जांच कर रही सेबी की पूर्णकालिक सदस्य ICICI से वेतन ले रही है ?
सेबी प्रमुख को कौन बचा रहा है और क्यों?
उन्होंने ICICI से सवाल पूछा कि माधबी बुच को वेतन क्यों दिया जा रहा था ? क्या इसकी जानकारी सार्वजनिक की गई थी?
सेबी से सवाल : क्या ऐसी और कंपनी है जिनसे आपके सदस्य पैसा ले रहे हैं ?