भारत की महिला प्रधानमंत्री और देश की आयरन लेडी कही जाने वाली इंदिरा गांधी की आज यानी 31 अक्टूबर 2024 को 40वीं पुण्यतिथि है. अपने फौलादी इरादों के लिए विख्यात और बड़े से बड़ा फैसला बेखौफ लेने वाली पूर्व पीएम इंदिरा गांधी को 31 अक्टूबर 1984 की सुबह उनके अंगरक्षकों ने हत्या कर दी थी. इंदिरा गांधी ने 1966 से 1977 के बीच और लगातार तीन बार और फिर 1980-1984 तक देश की बागडोर संभाली. आज आपको बताने जा रहे हैं पाकिस्तान से जुड़ा उनका एक किस्सा, जब उन्होंने वहां के तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल जिया उल हक से मुलाकात किया था.
जिम्बाब्वे पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने मिली थीं इंदिरा गांधी
जिम्बाब्वे ने साल 1980 में तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी को अपने स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था. उस कार्यक्रम में पाकिस्तान के तत्कालीन जनरल जिया उल हक ने भी शिरकत थी. हरारे के एक होटल में इंदिरा गांधी, जिया उल हक समेत दुनिया के तमाम बड़े नेता ठहरे हुए थे.
जनरल जिया उल हक ने संदेश भिजवाया कि वे इंदिरा गांधी से मिलना चाहते हैं. भारत के पूर्व विदेश मंत्री और इंदिरा गांधी के ऑफिस में काम चुके नटवर सिंह ने अपनी किताब वॉकिंग विद लायंस में लिखा कि जिया उल हक खुद इंदिरा गांधी से मिलने आए. जनरल जिया उल हक से मजाकिया लहजे में इंदिरा गांधी ने कहा, "दुनिया आपको लोकतांत्रिक कहती है और मुझे तानाशाह."
पाकिस्तानी राष्ट्रपति पर हो गईं थी गुस्सा
नटवर सिंह लिखते हैं कि दोनो देश के नेताओं में काफी बातें हुई और जाते-जाते जिया उल हक ने इंदिरा गांधी को एक किताब गिफ्ट की. इंदिरा गांधी ने जब उस किताब को खोला को वह गुस्से से लाल हो गईं क्योंकि उसमें एक नक्शा छपा था, जिसमें कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा दिखाया गया था. नटवर सिंह बताते हैं कि वो खुद उस किताब को एक विरोध नोट के साथ पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय को भेजे थे.