मध्य प्रदेश के बीजेपी विधायक प्रदीप पटेल ने नशे के खिलाफ पुलिस की निष्क्रियता और बढ़ रहे अपराधों को लेकर एडिशनल एसपी के सामने दंडवत प्रणाम किया. इस घटना के बाद कांग्रेस पूरे मामले को लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव पर हमला बोल रही है. मऊगंज के बीजेपी विधायक प्रदीप पटेल का सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है. इसमें वे एडिशनल एसपी अनुराग पांडे के दफ्तर में दंडवत प्रणाम करते हुए दिखाई दे रहे हैं. इस दौरान वो यह भी कह रहे हैं कि 'उन्हें गुंडो से मरवा दीजिए.'
दरअसल, मऊगंज के बीजेपी विधायक प्रदीप पटेल नशे के खिलाफ लगातार शिकायत कर रहे हैं. उनका कहना है कि मऊगंज जिले में नशे का कारोबार लगातार बढ़ता जा रहा है. इसके अलावा आपराधिक वारदातें भी बढ़ रही हैं, जिसकी शिकायत की जा रही है, लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही है. इसी के चलते उन्होंने पुलिस के सामने दंडवत प्रणाम किया है. उन्होंने जब दंडवत प्रणाम किया तो एडिशनल एसपी अपनी कुर्सी से खड़े हो गए.
एडिशनल एसपी अनुराग पांडेय का कहना है कि यह अप्रत्याशित घटना है. विधायक प्रदीप पटेल ने उनके सामने कोई मांग नहीं रखी, अचानक से वे आए और फिर वापस चले गए. उन्होंने बताया कि मऊगंज में अपराधियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है. इसके अलावा नशे के खिलाफ भी पुलिस कार्रवाई जारी है.
कांग्रेस ने सीएम से पूछा ये सवाल?
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव से सवाल किया कि उनकी पार्टी के विधायक ही पुलिस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं. नशे के खिलाफ मध्य प्रदेश में कार्रवाई नहीं हो रही है. अब मुख्यमंत्री मोहन यादव को स्पष्ट रूप से जवाब देना चाहिए. उनके कंधों पर मध्य प्रदेश के गृह मंत्रालय का भी जिम्मा है.
मध्य प्रदेश में कानून का राज- बीजेपी
वहीं भारतीय जनता पार्टी के मीडिया प्रभारी राजपाल सिंह सिसोदिया ने कांग्रेस के आरोपों पर कहा, "मध्य प्रदेश में कानून का राज है. पूर्व में जब यहां कांग्रेस की सरकार हुआ करती थी तो उस समय पूरे देश में एमपी जंगल राज के नाम से मशहूर था. उन्होंने कहा यदि कोई शिकायत सामने आई है तो उसका निराकरण भी जल्द किया जाएगा."
बता दें मध्य प्रदेश के रीवा संभाग के 53वें जिले के रूप में साल 2023 में मऊगंज की पहचान बनी है. मऊगंज हनुमान, नई गढ़ी सहित तीन तहसीलों से बना है. इसका क्षेत्रफल 1866 वर्ग किलोमीटर है. मऊगंज अपनी धार्मिक सांस्कृतिक और प्राकृतिक सौंदर्यता के कारण पूरे मध्य प्रदेश में आकर्षण का केंद्र बना रहता है. यह सबसे छोटे जिले में के रूप में अपनी पहचान बनाए हुए हैं.