सीहोर की बुधनी विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने कमर कस ली है. बीजेपी के टिकट पर पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव चुनावी रण में हैं. कांग्रेस ने पूर्व में बीजेपी प्रत्याशी को हरा चुके राजकुमार पटेल पर भरोसा जताया है. दोनों पार्टियों में टिकट के दावेदारों की लंबी लाइन थी. बीजेपी के प्रत्याशी रमाकांत भार्गव को केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान की नजदीकी का फायदा मिला. कांग्रेस ने राजकुमार पटेल को पूर्व में बीजेपी को हराने का इनाम दिया है.
राजकुमार पटेल को टिकट देते वक्त कांग्रेस ने सामाजिक समीकरण का भी ख्याल रखा है. बुधनी विधानसभा सीट पर गुरुवार शाम तक 14 नामांकन दाखिल हो चुके हैं. जानकार मानते हैं कि बुधनी में मुख्य रूप से टक्कर बीजेपी और कांग्रेस प्रत्याशियों के बीच होने वाली है.
बुधनी विधानसभा उपचुनाव में निर्दलीय के अलावा दूसरी पार्टी से भी प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं. उम्मीदवार की घोषणा से पहले कांग्रेस को बीजेपी के कदम का इंतजार था. पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव को टिकट मिलने के बाद कांग्रेस ने भी राजकुमार पटेल को चुनावी मैदान में उतार दिया.
बीजेपी और कांग्रेस ने कैसे साधा समीकरण?
रमाकांत भार्गव को टिकट दिलवाने में शिवराज सिंह चौहान का हाथ माना जाता है. शिवराज सिंह चौहान बुधनी विधानसभा सीट से पांच बार विधायक रह चुके हैं. कांग्रेस ने बुधनी में जातीय समीकरण को ध्यान में रखा है. राजकुमार पटेल को टिकट देने की वजह किरार समाज के 50,000 से ज्यादा वोट हैं.
पूर्व में राजकुमार पटेल एक बार बुधनी से विधायक भी रह चुके हैं. कांग्रेस के मीडिया प्रभारी मुकेश नायक का कहना है कि राजकुमार पटेल जमीनी पकड़ वाले नेता हैं. बुधनी के लोगों में राजकुमार पटेल की पैठ है. इस बार बुधनी की जनता कांग्रेस का साथ देने वाली है. दूसरी तरफ बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता राजपाल सिंह सिसोदिया ने कांग्रेस पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि बुधनी उपचुनाव में जीत का सपना चकनाचूर होने वाला है. बीजेपी प्रत्याशी रमाकांत भार्गव भारी बहुमत से बुधनी का उपचुनाव जीतेंगे.