उत्तराखंड के चमोली में व्यापार मंडल के एक प्रस्ताव ने विवाद पैदा कर दिया है. इस घटना के बाद चमोली जिलाधिकारी ने पूरे मामले की जांच - AWAM AUR KHABAR

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उत्तराखंड के चमोली में व्यापार मंडल के एक प्रस्ताव ने विवाद पैदा कर दिया है. इस घटना के बाद चमोली जिलाधिकारी ने पूरे मामले की जांच

 

 उत्तराखंड के चमोली जिले के खानसर कस्बे में हाल ही में एक विवादास्पद घटना ने तनाव पैदा कर दिया है. यहां स्थानीय व्यापारियों के एक समूह ने प्रस्ताव पारित किया है. इस प्रस्ताव के तहत लगभग 15 मुस्लिम परिवारों से कहा गया है कि वे 31 दिसंबर 2024 तक कस्बा छोड़ दें. 

यह प्रस्ताव बुधवार (16 अक्टूब) को व्यापार मंडल की बैठक के दौरान सर्वसम्मति से पारित किया गया था. इसे एक समुदाय विशेष के खिलाफ 'रोकथाम की कार्रवाई' के रूप में देखा जा रहा है. इनमें से कुछ मुस्लिम परिवार दशकों से खानसर में रह रहे हैं और उनका इस इलाके से गहरा जुड़ाव है.

इलाके के 15 मुस्लिम परिवारों को 31 दिसंबर तक खानसर कस्बे को खाली करने के निर्देश दिए गए हैं. इन परिवारों का खानसर से पुराना नाता है और वे यहां पर व्यापार और अन्य कार्यों से जुड़े हुए हैं. इसके बावजूद व्यापार मंडल ने सर्वसम्मति से फरमान जारी करते हुए कस्बा छोड़ने की चेतावनी दी है. 

व्यापार मंडल के पूर्व अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह ने इस असंवैधानिक और विवादित प्रस्ताव का सपोर्ट करते हुए कहा कि यह कदन किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए 'रोकथाम की कार्रवाई' के रुप में लिया गया है. वीरेंद्र सिंह वर्तमान में मैतन सेवा समिति के अध्यक्ष हैं.

मुस्लिम समाज में दहशत
वीरेंद्र सिंह ने बताया, "हमने यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया है. हमारा उद्देश्य कस्बे में शांति बनाए रखना है और किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचना है." इस प्रस्ताव के बाद मुस्लिम समाज में दहशत फैल गई है. हालांकि, इस कदम की कई जगहों पर आलोचना हो रही है. स्थानीय मुस्लिम समुदाय का कहना है कि वह कई सालों से इस कस्बे में शांतिपूर्वक रहते आ रहे हैं और इस प्रकार के निर्देश से उनकी आजीविका और जीवन पर सीधा असर पड़ सकता है.

प्रशासन की प्रतिक्रिया
चमोली जिला प्रशासन ने इस मुद्दे पर संज्ञान लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है. प्रशासन का कहना है कि वह यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी समुदाय के साथ अन्याय न हो और सभी नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की जाए. 

चमोली के एसपी सर्वेश कुमार ने  बताया कि हमारी प्राथमिकता लोगों की सुरक्षा करना है, जिसे हम बखूबी निभाएंगे. उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों का एक प्रस्ताव आया है, जिसमें उनका कहना है कि बाहरी व्यक्ति जो यहां पर रेड़ी पटरी पर काम करते हैं या फेरी लगाते हैं, उनका सत्यापन ठीक से नहीं हो पता है.

एसपी सर्वेश कुमार के मुताबिक, इन लोगों को कहना है कि ऐसे लोग इलाके में आकर कुछ ऐसी हरकतें करते हैं, जिससे स्थानीय लोगों की भावनाएं आहत होती हैं. ऐसे में इन लोगों का यहां पर प्रवेश तभी मुमकिन हो जब तक इनका सत्यापन न हो जाए.

एसपी सर्वेश कुमार ने बताया कि इसको लेकर चमोली पुलिस सत्यापन अभियान चला रही है और ऐसे सभी लोगों का सत्यापन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि अगर कोई भी इनमें से अपराधी पाया जाता है तो उसके खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाएगा. इसको लेकर पुलिस काफी सतर्क है.

'किसी के साथ नहीं होगा अन्याय'
चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने एबीपी लाइव से कहा कि हमने इस मामले में उप जिलाधिकारी के माध्यम से जांच की है, लेकिन इस प्रकार की कोई भी बात सामने नहीं आई है, फिर भी हम इस घटना की जांच कर रहे हैं और किसी के साथ भी अन्याय नहीं होने दिया जाएगा.

उत्तराखंड सरकार भी इस मामले पर नजर बनाए हुए है और किसी भी प्रकार की हिंसा या अशांति को रोकने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. राज्य सरकार ने सभी नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की है और कहा है कि वे किसी भी समुदाय के खिलाफ ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं करेंगे.

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