देश के प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने रविवार को कहा कि उन्होंने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के समाधान के लिए ईश्वर से प्रार्थना की थी और कहा कि अगर आस्था हो तो ईश्वर कोई भी रास्ता निकाल देते हैं. उनके इस बयान पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख महासचिव और अखिलेश यादव के चाचा राम गोपाल यादव ने विवादित बयान दिया है.
प्रमुख महासचिव राम गोपाल यादव ने पहले चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को कथित तौर पर अपशब्द कह दिया. जब राम मंदिर पर उनके बयान को लेकर सपा नेता से सवाल हुआ तो उन्होंने कहा कि हमें कोई टिप्पणी नहीं करनी है. जब भूतों को जिंदा करते हो, मुद्रों को करते हो तो वह भूत बन जाते हैं. आपको अभी भी बाबरी मस्जिद और मंदिर दिख रहा है.
कहा था अपशब्द
सपा नेता ने आगे कहा कि अरे छोड़ो, तमाम इस तरह की बातें करते रहते हैं. लेकिन उनके इस बयान पर जैसे ही विवाद बढ़ा तो उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए तुरंत सफाई दी. उन्होंने पोस्ट कर लिखा, 'आज करहल विधान सभा के लिए होने वाले उप चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी तेजप्रताप सिंह का नामांकन था. मैं भी मैनपुरी में था.'
अपनी टिप्पणी पर सफाई देते हुए सपा नेता ने आगे कहा, 'सैकड़ों इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लोग थे. अधिकतर करहल, मिल्कीपुर और बहराइच के बारे में प्रश्न पूछ रहे थे. बहराइच के बारे कुछ लोगों की इर्रेलेवेंट बात को लेकर मैंने जो उत्तर दिया कुछ शरारती लोगों ने मेरे उस उत्तर पर एक काल्पनिक प्रश्न जेनेरेट करके सुपर इम्पोज़ जिसमें सीजेआई का नाम डाल दिया.'
जांच की मांग रखी
उन्होंने कहा कि जबकि सीजेआई और न्यायपालिका से संबंधित न कोई प्रश्न पूछा गया और न मैंने इस संबंध में कुछ कहा है. मैं डीएम और एसएसपी मैनपुरी से इस फर्ज़ीवाड़े की जांच की मांग करता हूं. बता दें कि डी.वाई. चंद्रचूड़ खेड़ तालुका में अपने पैतृक गांव कन्हेरसर के निवासियों को संबोधित कर रहे थे, जहां उनका अभिनंदन किया गया.
उन्होंने कहा, ‘‘अक्सर हमारे पास मामले (निर्णय के लिए) आते हैं, लेकिन हम समाधान पर नहीं पहुंच पाते. अयोध्या (राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद) के दौरान भी कुछ ऐसा ही हुआ था, जो तीन महीने तक मेरे सामने था. मैं ईश्वर के सामने बैठा और उनसे कहा कि उन्हें इसका समाधान ढूंढना होगा.’