लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान की चौथी पुण्यतिथि पर मंगलवार (08 अक्टूबर) को केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी रालोजपा के दिल्ली स्थित कार्यालय पहुंचे. यहां उन्होंने रामविलास पासवान को श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर जीतन राम मांझी ने पत्रकारों से बातचीत में बड़ा बयान दिया. बयान से केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को झटका लग सकता है. मांझी ने पशुपति कुमार पारस (PKP) का सपोर्ट कर दिया है.
जीतन राम मांझी ने कहा, "यहां आकर हम बहुत प्रसन्न हैं. पशुपति पारस बाबू तो थोड़ा अस्वस्थ हैं, लेकिन उनके परिवार वाले और सबके साथ मिलकर सुखद एहसास हुआ. ऐसा लगा कि रामविलास बाबू तो चले गए हैं लेकिन उनके स्वरूप पारस बाबू हैं. हम लोगों को आशा है पारस बाबू शायद उनकी जो रिक्तियां है उसको वह पूरा कर सकेंगे." जीतन राम मांझी के इस बयान से एनडीए में हलचल बढ़ गई है.
परिवार में खटपट पर क्या बोले मांझी?
चिराग पासवान और पशुपति कुमार पारस के बीच विवाद पर जीतन राम मांझी ने कहा कि परिवार में तो खटपट होते रहता है. समाज के लिए अगर कुछ करना है, देश के बारे में सोचना है तो ऐसी परिस्थिति में मन में किसी प्रकार की थोड़ी भी अगर भावना हो तो जो नेता है, जो समाज सेवक है उसको आत्मसात करके आपस में मिलकर साथ करना चाहिए. ऐसा नहीं करने से दोनों व्यक्ति को घाटा होगा. सबसे ज्यादा घाटा समाज को होगा, इसलिए हम समाज के आदमी के नाते यह जरूर कहना चाहेंगे कि पारिवारिक कलह घर तक ही रहे बाहर नहीं जाए.
इससे पहले मांझी ने कहा कि जगजीवन बाबू के बाद बिहार में दलितों के लिए आवाज उठाने वाले राम विलास पासवान ही रहे. राजनीति में बिहार से वह दिल्ली तक पहुंचे. केंद्र में राजनीति की. मुखर हो कर दलितों का प्रतिनिधित्व करते रहे. उनके जाने के बाद ऐसा लगता है कि कार्यक्रम में शून्यता आ गई है, लेकिन उनकी पुण्यतिथि पर हम उनको याद करते हैं.