जम्मू-कश्मीर में जीत के बाद उमर अब्दुल्ला ने PM Modi को याद दिलाया ये वादा, बोले- 'वोट बांटने की साजिश रची गई' - AWAM AUR KHABAR

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जम्मू-कश्मीर में जीत के बाद उमर अब्दुल्ला ने PM Modi को याद दिलाया ये वादा, बोले- 'वोट बांटने की साजिश रची गई'

 

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में जीत के बाद नेशनल कॉन्फ्रेस के उपाध्यक्ष और नवनिर्वाचित विधायक उमर अब्दुल्ला का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि मैं जम्मू-कश्मीर के मतदाताओं का बहुत आभारी हूं कि उन्होंने अपने मत का उपयोग किया, जबकि पिछले 8-10 सालों से यहां लोकतंत्र को पनपने नहीं दिया गया था.

उन्होंने कहा, "JKNC-कांग्रेस गठबंधन को बहुमत मिला. मतदाताओं ने सोच-समझकर मतदान किया, खासकर उन इलाकों में जहां निर्दलीय उम्मीदवारों और छोटी पार्टियों के जरिए वोट बांटने की साजिशें रची जा रही थीं. अब हमारी जिम्मेदारी शुरू होती है, मतदाताओं ने अपना कर्तव्य निभाया है. अब हमारा कर्तव्य है कि हम काम करें और मतदाताओं के योग्य बनें."

दिल्ली और हममें फर्क है- उमर अब्दुल्ला
उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा, "दिल्ली और हममें फर्क है. दिल्ली कभी पूर्ण राज्य नहीं था और किसी ने कभी इसे राज्य बनाने का वादा नहीं किया. 2019 से पहले जम्मू-कश्मीर एक राज्य था और राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा हमसे किया गया है. प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ मंत्रियों ने इसका वादा किया है और बार-बार कहा है कि जम्मू-कश्मीर में तीन कदम उठाए जाएंगे, परिसीमन, चुनाव और फिर राज्य का दर्जा."

उन्होंने कहा, "परिसीमन और चुनाव हो गए हैं, अब राज्य का दर्जा बाकी है. यहां सरकार बनने के बाद मुझे उम्मीद है कि कैबिनेट का पहला फैसला राज्य का दर्जा देने का प्रस्ताव पारित करना होगा और प्रस्ताव प्रधानमंत्री के सामने पेश किया जाएगा."

'केंद्र से लड़ना हमारी मजबूरी नहीं'
केंद्र शासित प्रदेश में सरकार बनने के बाद केंद्र के साथ समन्वय पर उमर अब्दुल्ला ने कहा, "सरकार बनने दीजिए. यह बात सीएम से पूछिए जो चुने जाएंगे. मेरा सुझाव है कि नई दिल्ली के साथ समन्वय करना जरूरी है. हमारे मुद्दे और मुश्किलें दिल्ली (केंद्र) से लड़ने से हल नहीं होंगी. हम बीजेपी की राजनीति को स्वीकार नहीं करेंगे और बीजेपी हमारी राजनीति को स्वीकार नहीं करेगी. हम बीजेपी के साथ प्रतिद्वंद्विता करेंगे, लेकिन केंद्र से लड़ना हमारी मजबूरी नहीं है."

एनसी नेता ने कहा, "मुझे लगता है कि केंद्र के साथ उचित संबंध जम्मू-कश्मीर और जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए अच्छे होंगे. जम्मू-कश्मीर के लोगों ने लड़ाई के लिए वोट नहीं दिया है, उन्होंने इसलिए वोट दिया है क्योंकि वे रोजगार, प्रगति, राज्य का दर्जा, बिजली आपूर्ति में राहत और अन्य मुद्दों का समाधान चाहते हैं."

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पांच मनोनीत बीजेपी विधायकों पर उन्होंने कहा, "मैं उन्हें ऐसा नामांकित न करने का सुझाव दूंगा. इन 5 को मनोनीत करने से सरकार नहीं बदलेगी, तो इसका क्या फायदा? आप अनावश्यक रूप से विपक्ष में बैठने के लिए 5 लोगों को मनोनीत करेंगे. इससे लड़ाई होगी क्योंकि हमें फिर सुप्रीम कोर्ट जाना होगा और इसके खिलाफ अपील करनी होगी."

उन्होंने कहा, "केंद्र के साथ हमारे संबंधों में पहले दिन से ही तनाव होगा, एक ऐसा संबंध जिसे हम बनाना चाहते हैं. सरकार बनने दें, उन्हें सुझाव देने दें और उसके आधार पर एलजी को मनोनीत करना चाहिए. ये 5 विधायक कोई बदलाव नहीं लाएंगे. स्वतंत्र उम्मीदवार हमसे बात कर रहे हैं, वे हमारे साथ जुड़ेंगे ताकि हमारी बढ़त बढ़ जाए." 

वहीं बडगाम और गंदेरबल में से एक सीट छोड़ने के सवाल पर उमर ने कहा, मैं दोनों सीटें बरकरार नहीं रख सकता. मुझे एक सीट छोड़नी होगी. मैं अपने सहयोगियों से चर्चा करूंगा और जो निर्णय होगा उसके बारे में आपको बताऊंगा.

हरियाणा चुनाव पर क्या बोले उमर?
हरियाणा चुनाव पर उन्होंने कहा, "मैं तो पहले ही जानता था एग्जिट पोल समय की बर्बादी है, लेकिन इतना गलत. जो लोग कपड़े बांध कर राजभवन का रास्ता नाप रहे थे, वो घर बैठे रहे और बीजेपी ने तीसरी बार हुकूमत बनाई. मेरा निजी अनुभव है कि कुछ महीने पहले जब बारामूला के नतीजे आ रहे थे (लोकसभा चुनाव में) तो मैं शुरुआत में आगे चल रहा था, लेकिन आधे घंटे में यह बदल गया और अंतर बढ़ता गया."

उन्होंने कहा, "मैंने हमेशा कहा है कि एग्जिट पोल समय की बर्बादी है, लेकिन यह बहुत बड़ी गलती है. यहां 30 का आंकड़ा 60 हो गया और 60 का आंकड़ा 30 हो गया. बीजेपी ने वहां तीसरी बार सरकार बनाई. कांग्रेस को इस पर गहन विचार-विमर्श करना होगा, लेकिन यह मेरा काम नहीं है. मेरा काम यहां जेकेएनसी को चलाना और गठबंधन की मदद करना है, मैं यही करूंगा."

सीएम फेस पर क्या कहा?
मुख्यमंत्री बनने के सवाल पर उन्होंने कहा, "मैं नहीं ले रहा शपथ, फिलहाल अभी इस पर हमने कोई फैसला नहीं लिया है. अभी तक ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है. ये सब लोकतांत्रिक तरीके से होता है. विधायक दल की बैठक होगी. कल पार्टी अध्यक्ष से मेरी बात हुई थी, हमने तय किया है कि कल विधायक दल की बैठक होगी, उसके बाद गठबंधन की बैठक होगी. गठबंधन अपना नेता चुनेगा और उसके बाद हम राजभवन जाकर दावा पेश करेंगे. मुझे उम्मीद है कि अगले दो दिनों में यह हो जाएगा."

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