वक्फ बोर्ड अध्यक्ष सनवर पटेल की प्रेस कांफ्रेंस विवादों में....पत्रकार ने ही पत्रकारों को बांटे नोट...200 में कलमकारों की निष्ठां खरीदने की शर्मनाक कोशिश की .... - AWAM AUR KHABAR

BREAKING

वक्फ बोर्ड अध्यक्ष सनवर पटेल की प्रेस कांफ्रेंस विवादों में....पत्रकार ने ही पत्रकारों को बांटे नोट...200 में कलमकारों की निष्ठां खरीदने की शर्मनाक कोशिश की ....

वक्फ बोर्ड अध्यक्ष सनवर पटेल की प्रेस कांफ्रेंस विवादों में
पत्रकार ने ही पत्रकारों को बांटे नोट
हर सवाल पर बचते नज़र आए अध्यक्ष


जबलपुर. वक्फ बोर्ड अध्यक्ष सनवर पटेल जब भी जबलपुर आते हैं एक ना एक नया विवाद
खड़ा हो जाता है. ताज़ा विवाद उनकी प्रेस कांफ्रेंस को लेकर है. मढ़ाताल स्थित अन्जुमन इस्लामिया स्कूल में आयोजित की गयी पत्रकार वार्ता पूरी तरह से फ्लाप रही. शाम के एक दैनिक अखबार के समाचार संपादक द्वारा कथित रूप से प्रेस कांफ्रेंस का ठेका लिया गया लेकिन उसके बावजूद कुछ मीडिया कर्मी ही कांफ्रेंस में पहुँचे. शहर के लीडिंग समाचार पत्रों व न्यूज चैनल वालों ने भी इस प्रेस कांफ्रेंस को कवरेज नहीं दी. हद तो तब हुई जब कांफ्रेंस आहूत करने वाला पत्रकार ही मीडिया कर्मियों को दो दो सौ रूपए बांटता दिखाई दिया जब कुछ पत्रकारों ने राशि कम होने पर आपत्ति की तो "दक्षिणा" को बढ़ाकर पांच पांच सौ रूपए कर दिया गया.
*हर सवाल को टालते रहे सनवर*
पत्रकार वार्ता में अवाम और खबर क़ी और से वक़्फ़ बोर्ड अध्यक्ष से पूछा गया क़ी अंजुमन अध्यक्ष अन्नू अनवर क़ी पहली वाली कमेटी माननीय मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के आदेश से वक़्फ़ बोर्ड भोपाल ने पत्र क्रमांक 51/4/आर -/जबलपुर 2024 DNo 769 भोपाल दिनांक 02/02/2024 को मोहम्मद अनवर पिता मोहम्मद उमर क़ी अध्यक्षता में 11 सदस्ययी गठित समिति को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया गया था, अन्नू क़ी अध्य्क्षता में वक़्फ़ बोर्ड अध्यक्ष ने पुनः दोबारा दिनांक 08/02/2024 को अध्यक्ष ने जवाब में बताया क़ि नई कमेटी का गठन नई प्रक्रिया से किया गया. जबकि वास्तविकता यह है क़ी दिनांक 28/06/2023 एवं दिनांक 08/02/2024 को अन्नू अनवर क़ी अध्यक्षता में बनी दोनों कमेटी का एक ही बार दिनांक 09/06/2023 को प्रस्तुत शपथ पूर्वक घोषणा शपथपत्रों को पुनः इस्तेमाल करते एक बार के प्रस्तुत शपथ पत्रों को वक़्फ़ बोर्ड ने दो बार इस्तेमाल करते हुए दो बार कमेटी बनाई. (अवाम और खबर प्रेस के पास प्रमाणित दस्तावेज़ मौजूद है ) जो वक़्फ़ बोर्ड अध्यक्ष क़ी कथनी और करनी में स्पष्ट अंतर दर्शाते है.
उल्लेखनीय है कि वक़्फ़ अधिनियम,1995 संशोधित अधिनियम,2013 के प्रावधानो के अनुसार nirast/ निलंबित / भंग क़ी गई इंतेज़ामिया कमेटी का कोई भी सदस्य आगामी 5 साल तक वक़्फ़ बोर्ड क़ी किसी भी कमेटी के लिये अपात्र होते है,. परन्तु वक़्फ़ बोर्ड ने अधिनियम क़ी अवहेलना करते अन्नू को दूसरी बार भी अध्यक्ष बना दिया.
मध्यप्रदेश वक़्फ़ बोर्ड अध्यक्ष क़ी कथनी और करनी के अंतर को प्रदर्शित करते अनेक महत्वपूर्ण प्रमाणित दस्तावेज़ अवाम और खबर प्रेस कार्यालय में उपलब्ध है जो समय रहते आगामी अंको में प्रकाशित कर पाठको तक पहुंचाए जायेंगे.

Pages