लोकसभा से वक्फ संसोधन विधेयक पास हो चुका है. राज्य सभा में इस पर चर्चा जारी है. इस बीच असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM के नेता वारिस पठान ने बताया है कि उनकी पार्टी की अगली रणनीति क्या होगी. उन्होंने कहा कि हम तो अपनी लड़ाई जारी रखेंगे. संविधान के दायरे में रहकर हर जगह प्रोटेस्ट किया जाएगा. हम कोर्ट और कानून का दरवाजा खटखटाएंगे.
भारत के मुसलमानों के लिए काला दिन- पठान
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई से बातचीत में वारिस पठान ने कहा, "भारत के मुसलमानों के लिए ये काला दिन है. डेमोक्रेसी का कत्ल किया गया. कल फिर से संविधान की धज्जियां उड़ाई गईं. सेक्युलरिज्म का अपमान किया गया. हम सब ये देख रहे हैं कि बीजेपी ने कैसे इस काले कानून को लाया है. ये आर्टिकल 14 का उल्लंघन है. हमारी पार्टी के प्रसिडेंट ने यहां तक बताया कि क्यों उल्लंघन है."
बीजेपी ने मुसलमानों के खिलाफ जंग छेड़ दी है- वारिस पठान
AIMIM नेता ने कहा कि हर चीज बताए जाने के बावजूद भी सरकार अगर इस तरह से तानाशाही करेगी तो लोकतंत्र का क्या होगा, संविधान का क्या होगा? उन्होंने कहा, "मैं समझता हूं कि संविधान की धज्जियां उड़ रही हैं. बीजेपी के प्रति मुसलमानों ने एक जंग सी छेड़ दी है. अब हमारी वक्फ की जमीन छीनने के लिए कितना बड़ा ष्डयंत्र रच दिया. बहुमत के बल पर अगर बीजेपी इस तरह के काले कानून बनाएगी तो ये देश के संविधान और सेक्युलरिज्म के लिए ठीक नहीं है."
'मैं होता तो बिल फाड़कर हवा में फेंक देता'
वहीं लोकसभा में असदुद्दीन औवैसी द्वारा बिल को फाड़े जाने पर वारिस पठान ने कहा, "उन्होंने (ओवैसी) महात्मा गांधी का उदाहरण दिया कि जब उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के कानून को फाड़ दिया था. उन्होंने यह भी बताया कि यह बिल असंवैधानिक है. बीजेपी धर्म के नाम पर इस देश को बांटने की कोशिश कर रही है और इसलिए ही विरोध दर्शाते हुए उन्होंने बिल को फाड़ दिया. इसमें क्या बुराई है? अगर उनकी जगह मैं होता तो मैं भी यही करता. कोई भी मुसलमान ऐसे कानून को पास नहीं होने देता. बल्कि मैं तो इसे फाड़ता और हवा में फेंक देता. ये बिल हमारे समुदाय पर सीधे तौर पर हमला है."