पहलगाम हमले के बाद आया मौलाना अरशद मदनी का पहला रिएक्शन, बोले- आग लगाने वाली ताकतें.. - AWAM AUR KHABAR

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पहलगाम हमले के बाद आया मौलाना अरशद मदनी का पहला रिएक्शन, बोले- आग लगाने वाली ताकतें..

 




जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में मंगलवार (22 अप्रैल, 2025) को हुए आतंकी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया है. जमीअत उलमा ए हिंद ने भी इसकी कड़ी आलोचना की है.


जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, 'जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हैं, साथ ही मरने वालों के परिवारों के दुख में बराबर के शरीक हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं.

'आग लगाने वाली ताकतें अपने नापाक इरादों में सफल हो गईं'
उन्होंने कहा, 'कश्मीर में अत्यधिक निगरानी के बावजूद आतंकवादियों की ओर से हत्या और लूटमार का बाजार गर्म करके भाग निकलना आश्चर्यजनक है. प्रशासन की विफलता के कारण शांति व्यवस्था को आग लगाने वाली ताकतें अपने नापाक इरादों में सफल हो गईं. जमीअत उलमा-ए-हिंद विशेष रूप से धर्म के आधार पर आपराधिक कार्रवाई को देश के लिए और देश की शांति व्यवस्था के लिए बर्बादी का कारण समझती है जहां आतंकवादियों के इस घिनौने कार्य से अत्यधिक चिंता हो रही है. वहीं, आम कश्मीरियों का इस आतंकवादी हरकत से नफरत और घृणा का प्रदर्शन भी हो रहा है.'

'सरकार को कश्मीरियों का पूरा सहयोग रहेगा'
अरशद मदनी ने कहा, मस्जिदों से इस प्रकार की हरकतों से घृणा की घोषणा यह बता रहा है कि कश्मीर का आम मुसलमान कश्मीर में शांति व्यवस्था को बढ़ावा देना चाहता है और उसके दिल में धर्म से ऊपर उठकर भाईचारा और सहानुभूति का जज्बा ताकतवर और ज़िंदा है. यह चीज बता रही है कि शांति व्यवस्था को स्थापित रखने में सरकार को कश्मीरियों का पूरा सहयोग होगा.'

मौलाना मदनी ने कहा, 'जमीअत उलमा-ए-हिंद सभी नागरिकों से हर स्थिति में शांति, भाईचारा और सहिष्णुता बनाए रखने की अपील करती है. ऐसी घटनाओं का उद्देश्य केवल भय, घृणा और सांप्रदायिकता को बढ़ावा देना होता है, जिसे रोकने के लिए हमें एकजुट होना होगा.

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