CJI संजीव खन्ना के बाद भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई होंगे. संजीव खन्ना ने आधिकारिक तौर पर बीआर गवई को अपना उत्तराधिकारी बनाने की सिफारिश कानून मंत्रालय से की है. इस सिफारिश के जरिए देश में 51वें मुख्य न्यायाधीश बनने का रास्ता साफ हो गया है. वर्तमान मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना 13 मई को अपने पद से रिटायर हो रहे हैं. ऐसे में न्यायमूर्ति बीआर गवई 14 मई को अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे. बता दें कि वह देश के दूसरे दलित चीफ जस्टिस होंगे, उनके पहले जस्टिस केजी बालाकृष्णन भी CJI रह चुके हैं, जो कि अनुसूचित जाति के थे.
छह महीने तक रहेंगे CJI
परंपरा के अनुसार CJI संजीव खन्ना ने न्यायमूर्ति गवई को अपना उत्तराधिकारी नामित करते हुए कानून मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा है. मंत्रालय ने पहले उनसे अपने उत्तराधिकारी के नाम का प्रस्ताव मांगा था. बीआर गवई लगभग छह महीने तक भारत के मुख्य न्यायधीश के पद पर रहेंगे, क्योंकि इसके बाद वह भी सेवानिवृत्त होने वाले हैं. बीआर गवई नवंबर में सेवानिवृत्त हो जाएंगे. चीफ जस्टिस संजीव खन्ना के बाद बीआर गवई सुप्रीम कोर्ट के सबसे सीनियर जज हैं.
कैसे शुरू होती है CJI की नियुक्ति की प्रक्रिया
CJI की नियुक्ति की प्रक्रिया तब शुरू होती है, जब केंद्रीय विधि और न्याय मामलों के मंत्री उचित समय पर भारत के अगले CJI की नियुक्ति के लिए भारत के वर्तमान CJI से प्रस्ताव मांगते हैं. प्रक्रिया शुरू करने के लिए सटीक समय तब होता है, जब मौजूदा CJI के रिटायरमेंट के लिए एक महीना बचा होता है. उसी समय वर्तमान सीजेआई अपने उत्तराधिकारी के लिए प्रस्ताव भेजते हैं.
केंद्र सरकार को मानना जरूरी है?
पूर्व निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार भारत के मुख्य न्यायधीश की सिफारिश प्राप्त हो जाने के बाद केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री, प्रधानमंत्री को सिफारिश प्रस्तुत करते हैं, जो कि नियुक्ति को लेकर राष्ट्रपति को सलाह देते हैं. हालांकि अगले सीजेआई की नियुक्ति के लिए तकनीकी रूप से अंतिम निर्णय केंद्र सरकारके पास है, लेकिन परंपरा के अनुसार केंद्र उसी व्यक्ति को अगला सीजेआई नियुक्त करता है, जिसकी सिफारिश मौजूदा सीजेआई ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में की है