वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ आम आदमी पार्टी के ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. उन्होंने याचिका दायर कर संशोधन को असंवैधानिक करार देने की मांग की है. साथ ही उन्होंने बदला हुआ कानून लागू करने पर रोक की भी मांग की है. अमानतुल्लाह खान ने संशोधित कानून को मुसलमानों के मौलिक अधिकारों के खिलाफ बताया है.
उन्होंने कहा है कि यह विधेयक मुसलमानों की धार्मिक और सांस्कृतिक स्वायत्तता को कम करता है, मनमाने कार्यकारी हस्तक्षेप को सक्षम बनाता है और अपने धार्मिक और धर्मार्थ संस्थानों का प्रबंधन करने के अल्पसंख्यकों के अधिकारों को कमजोर करता है.
मोहम्मद जावेद और असदुद्दीन ओवैसी ने भी दी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
बता दें कि इससे पहले कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद और एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 की वैधता को चुनौती दी और कहा कि यह संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ है. मोहम्मद जावेद की याचिका में आरोप लगाया गया है कि विधेयक में वक्फ संपत्तियों और उनके प्रबंधन पर 'मनमाने प्रतिबंध' लगाने के प्रावधान किए गए हैं, जिससे मुस्लिम समुदाय की धार्मिक स्वायत्तता कमजोर होगी.
अधिवक्ता अनस तनवीर के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि विधेयक में मुस्लिम समुदाय से भेदभाव किया गया है, क्योंकि इसमें 'ऐसे प्रतिबंध लगाए गए हैं, जो अन्य धार्मिक बंदोबस्तों में मौजूद नहीं हैं.'
वहीं असदुद्दीन ओवैसी की याचिका वकील लजफीर अहमद ने दायर की. याचिका में कहा गया है कि वक्फ को दी गई सुरक्षा को कम करना जबकि अन्य धर्मों के धार्मिक व धर्मार्थ बंदोबस्तों का संरक्षण बरकरार रखना मुसलमानों के खिलाफ शत्रुतापूर्ण भेदभाव है और यह संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 का उल्लंघन है, जिसमें धर्म के आधार पर भेदभाव पर रोक है.
गौरतलब है कि राज्यसभा में 128 सदस्यों ने विधेयक के पक्ष में जबकि 95 ने विरोध में मतदान किया, जिसके बाद इसे पारित कर दिया गया. लोकसभा ने तीन अप्रैल को विधेयक को मंजूरी दे दी थी. लोकसभा में 288 सदस्यों ने विधेयक का समर्थन, जबकि 232 ने विरोध किया